रक्षा मंत्रियों के बाद अब भारत और चीन के विदेश मंत्री भी करेंगे मॉस्को में बैठक
क्या है खबर?
रक्षा मंत्रियों के बाद अब भारत और चीन के विदेश मंत्री भी रूस की राजधानी मॉस्को में एक-दूसरे के साथ बैठक करेंगे। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वेंग यी के बीच ये बैठक 10 सितंबर को होगी।
दोनों मंत्री यहां शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेंगे और इसी दौरान एक-दूसरे से भी मुलाकात करेंगे। बैठक में पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच चल रहे गतिरोध के समाधान पर चर्चा की जाएगी।
बैठक
चीन से द्विपक्षीय समझौतों का पालन करने को कहेंगे जयशंकर
SCO की बैठक में हिस्सा लेने के लिए जयशंकर मंगलवार को मॉस्को पहुंचेंगे, वहीं वेंग बुधवार शाम को यहां पहुंचेंगे। 10 सितंबर को दोनों के बीच बैठक किस समय होगी, ये निर्धारित किया जा रहा है।
बैठक में जयशंकर चीन को पुराने द्विपक्षीय समझौतों का पालन करने और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कम से कम सैनिक तैनात रखने को कह सकते हैं। इसके अलावा वह LAC पर अप्रैल से पहली की यथास्थिति स्थापित करने की मांग भी करेंगे।
अन्य बैठक
4 सितंबर को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच हुई थी बैठक
बता दें कि इससे पहले भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी 4 सितंबर को मॉस्को में ही चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे से मुलाकात कर चुके हैं। ये दोनों नेता भी यहां SCO की बैठक में हिस्सा लेने आए थे।
इस बैठक में राजनाथ ने साफ कर दिया था कि भारत अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेगा। उन्होंने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर यथास्थिति बदलने के चीन के हालिया प्रयासों पर सख्त आपत्ति दर्ज कराई थी।
बातचीत पर जोर
बातचीत के जरिए समाधान पर जोर दे रहा है भारत
गौरतलब है कि पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर ताजा तनाव के बीच भारत लगातार लगातार बातचीत के जरिए विवाद का समाधान निकालने पर जोर दे रहा है। इससे पहले केंद्र सरकार और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी कह चुके हैं कि दोनों देशों को कूटनीतिक माध्यमों और बातचीत के जरिए विवाद का समाधान निकालना चाहिए।
वहीं सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी कह चुके हैं कि उन्हें बातचीत के जरिए मतभेद सुलझने का पूरा भरोसा है।
तनाव
दोनों देशों ने एक-दूसरे की रेंज में तैनात किए टैंक
भारतीय सेना की इस शहमात से चीन बौखला गया है और उसके सैनिक कई बार इन चोटियों पर फिर से कब्जा करने की कोशिश कर चुके हैं। हालांकि भारतीय सैनिकों ने हर बार उन्हें दूर से ही वापस लौटा दिया है।
चीन ने इलाके में अपने टैंक भी तैनात कर दिए हैं और इसके जबाव में भारत ने भी टैंक तैनात किए हैं। दोनों देशों के टैंक एक-दूसरे की रेंज में हैं और स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है।
स्थिति
पूर्व लद्दाख में चरम पर है भारत और चीन के बीच तनाव
भारत और चीन के बीच मई की शुरूआत के बाद से ही पूर्वी लद्दाख में LAC पर तनाव बना हुआ है। इस 29-30 अगस्त को ये तनाव तब अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया, जब चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के किनारे पर भारतीय इलाके में घुसपैठ करने की कोशिश की।
भारतीय सैनिकों को पहले ही चीन के इन मंसूबों की भनक लग गई और उन्होंने चीनी सैनिकों से पहले ही चोटियों पर कब्जा कर लिया।