पेरिस: एफिल टावर को बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस ने खाली कराई जगह
फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित एफिल टावर को बम से उड़ाने की धमकी मिलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। फोन पर मिली इस धमकी के बाद पुलिस ने टावर को खाली कराकर सील कर दिया और पूरे इलाके में घेराबंद कर दी। पुलिस अब फोन पर धमकी देने वाले की तलाश में जुटी है। इसके साथ ही पुलिसकर्मी पूरे एफिल टावर की जांच में जुटे हैं। आसपास के इलाके में भी आवागमन रोक दिया गया है।
पुलिस को फोन कर दी एफिल टावर में बम लगाने की धमकी
टाइम्स नाऊ के अनुसार स्थानीय समयानुसार दोपहर में एक शख्स ने पुलिस को फोन कर उस स्थान पर एक बम लगाए जाने की बात कही जहां आमतौर पर हर दिन हजारों लोग जमा होते हैं। इसके बाद शख्स ने जोर से 'अल्लाहु अकबर' भी चिल्लाया। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर टावर को खाली करा दिया और पूरे इलाके की घेराबंद कर दी। मौके पर भारी संख्या में सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात कर दिए और आवागमन को बंद कर दिया।
एहतियात के तौर पर खाली कराया टावर
एफिल टॉवर का संचालन करने वाली कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि टावर को बम से उड़ाने की धमकी के बाद पुलिस ने एहतियात के तौर पर पर्यटकों को वहां से निकाल दिया और टावर के आसपास पुलिसकर्मी तैनात कर दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस टावर के हर हिस्से की जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के बड़े ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है। इसके अलावा वहां से गुजरने वाले वाहनों की सघन जांच की जा रही है।
गत 25 जून को पर्यटकों के लिए खोला गया था एफिल टावर
प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के करीब 104 दिन बाद गत 25 जून को एफिल टावर को पर्यटकों के लिए खोला गया था। इस टावर पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पूरी दुनिया के पर्यटक पहुंचते हैं।
पहले भी मिल चुकी है इस प्रकार की धमकियां
यह पहली बार नहीं है जब इस टावर पर आतंकी हमले का खतरा मंडराया हुआ हो। मई 2018 में भी बम की धमकी मिलने के बाद पर्यटकों को बाहर कर दिया गया था। उससे पहले जून 2017 में टावर में एक संदिग्ध पैकेट छोड़ा गया था, जिसे बाद में खतरनाक नहीं पाया गया। सितंबर 2010 में बम के खतरों के कारण टावर को दो बार खाली कराया गया था। ऐसे में यहां पर कड़ी सुरक्षा रहती है।
324 मीटर है एफिल टावर की ऊंचाई
बता दें कि एफिल टावर दुनिया में सबसे अधिक देखा जाने वाला पर्यटक स्थल है। इसका निर्माण 1887 से 1889 के बीच किया गया था। यह लोहे से बना एक जलीनुमा वर्गाकार टावर है। इसका नाम टावर का डिजाइन और निर्माण करने वाली कंपनी के संचालक इंजीनियर गुस्ताव एफिल के नाम पर रखा गया है। इस टावर की ऊंचाई 324 मीटर (1,063 फीट) है। यह 41 सालों तक दुनिया का सबसे ऊंचा मानव निर्मित टावर रहा है।