राफेल सौदे के ठीक बाद डसॉल्ट ने भारतीय बिचौलिये को दिए थे 8.6 करोड़ रुपये- रिपोर्ट
क्या है खबर?
राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट ने भारत सरकार के साथ 36 विमानों का सौदा होने के ठीक बाद एक भारतीय बिचौलिये को 10 लाख यूरो (लगभग 8.6 करोड़ रुपये) का भुगतान किया था।
फ्रांसीसी पत्रिका 'मीडियापार्ट' ने देश की एक भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी की जांच के आधार पर अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस बिचौलिये पर एक अन्य विमान सौदे में भारत में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है।
रिपोर्ट
2017 के ऑडिट में सामने आया पूरा मामला
मीडियापार्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस की भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी AFA द्वारा डसॉल्ट के ऑडिट में यह पूरा मामला उजागर हुआ था। हालांकि AFA ने इसे कानूनी कार्रवाई के लिए आगे नहीं बढ़ाया।
AFA की रिपोर्ट के अनुसार, डसॉल्ट के 2017 के ऑडिट में उन्हें 'क्लाइंट्स को तोहफे' देने के लिए 5,08,925 यूरो खर्च किए जाने का ब्यौरा मिला। इससे जांचकर्ताओं को शक हुआ और उन्होंने कंपनी से अधिक जानकारियां मांगी।
विवादित लेनदेन
राफेल के नकली मॉडल बनाने के लिए भारतीय कंपनी को दिए गए 10 लाख यूरो
जांच के दौरान डसॉल्ट ने AFA को भारतीय कंपनी 'डेफसिस सॉल्यूशन्स' से लेनदेन की 30 मार्च, 2017 की एक रसीद प्रदान की।
इसकी जांच में सामने आया कि डसॉल्ट ने डेफसिस को राफेल के 50 नकली मॉडल बनाने के लिए 1,017,850 यूरो का ऑर्डर दिया था और रसीद में इसके 50 प्रतिशत का भुगतान किए जाने का जिक्र था। हर मॉडल की कीमत 20,000 यूरो थी।
हालांकि डसॉल्ट इन मॉडल्स की मौजूदगी का कोई भी सबूत देने में नाकाम रही।
पुराना घोटाला
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में जेल जा चुका है डेफसिस का मालिक
मीडियापार्ट की रिपोर्ट के अनुसार, डेफसिस सॉल्यूशन्स सुशेन गुप्ता की कंपनी है। गुप्ता के खिलाफ अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में भारतीय नागरिकों को दी गई रिश्वत के मामले में जांच चल रही है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) उनके खिलाफ जांच कर रही हैं और उन्हें मामले में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं।
इसके अलावा डेफसिस भारत में डसॉल्ट के सब-कॉन्ट्रेक्टर्स में भी शामिल है।
राजनीति
कांग्रेस बोली- देश को जवाब दें प्रधानमंत्री मोदी
राफेल विमान सौदे में घोटाले का आरोप लगाती रही कांग्रेस ने मामले को लपक लिया है और पार्टी ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मामले में देश को जवाब देना चाहिए।
बयान में कहा गया है कि मीडियापार्ट की रिपोर्ट से राफेल सौदे में बिचौलियों की उपस्थिति और रिश्वत दिए जाने का खुलासा होता है। कांग्रेस ने मामले में निष्पक्ष और पूर्ण जांच की मांग भी की है।
सौदा
भारत ने 59,000 करोड़ रुपये में खरीदे थे 36 राफेल विमान
मोदी सरकार ने सितंबर, 2016 को फ्रांस सरकार के साथ 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया था।
विपक्ष ने इस सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे तौर पर इस भ्रष्टाचार में शामिल होने और अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौदे से हटाने का आरोप लगाया था।
जानकारी
मामले में जांच की याचिकाओं को खारिज कर चुका है सुप्रीम कोर्ट
सौदे की जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं थीं, जिन्हें कोर्ट ने दिसंबर, 2018 में खारिज कर दिया था। कुछ नए सबूत सामने आने के बाद पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गईं जिन्हें नवंबर, 2019 में खारिज कर दिया गया।