भारत में इसी महीने होगा रूस की कोरोना वैक्सीन 'स्पूतनिक वी' के तीसरे चरण का ट्रायल
क्या है खबर?
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच बड़ी खबर सामने आई है।
रूस द्वारा तैयार की गई कोरोना वायरस की वैक्सीन 'स्पूतनिक वी' (Sputnik V) के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल इसी महीने भारत में भी आयोजित किया जाएगा।
रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के CEO किरील दिमित्रिव ने एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में इसका खुलासा किया है। इस ट्रायल का परिणाम अक्टूबर-नवंबर में जारी किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
पिछले महीने रूस ने लॉन्च की थी कोरोना वायरस की वैक्सीन
रूस ने हाल में 'स्पूतनिक वी' को रजिस्टर कराया है। गत 11 अगस्त को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसके पहली वैक्सीन होने की घोषणा की थी।
इसका नाम सोवियत संघ द्वारा लॉन्च किए गए दुनिया के पहले उपग्रह के सम्मान में रखा गया है। इसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों सहित अधिक जोखिम वाले लोगों को दिया जाएगा। इसका 40,000 से अधिक लोगों पर ट्रायल हो रहा हैं।
इसे गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने RDIF के साथ मिलकर तैयार किया है।
जानकारी
इन देशों में भी होगा तीसरे चरण का ट्रायल
RDIF के CEO दिमित्रिव ने बताया कि भारत के अलावा स्पूतनिक वी के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फिलीपींस और ब्राजील में भी आयोजित किया जाएगा। नवंबर के महीने तक इसे शुरुआती परिणाम जारी कर दिए जाएंगे।
तर्क
परीक्षण के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर नहीं किया गौर- दिमित्रिव
द टि्रब्यून के अनुसार स्पूतनिक वी के क्लिनिकल ट्रायल के पहले और दूसरे चरण में बहुत कम वॉलेंटियरों के शामिल होने के सवाल पर दिमित्रिव ने कहा कि मीडिया ने परीक्षण के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गौर ही नहीं किया।
उन्होंने कहा कि सतही तौर पर 'स्पूतनिक वी' का परीक्षण एस्ट्राजेनेका से छोटा दिख रहा है, लेकिन एस्ट्राजेनेका ने शॉर्ट मॉडल से परीक्षण की शुरुआत की थी। इसके उलट 'स्पूतनिक वी' के परीक्षण का मॉडल उससे चार गुना बड़ा था।
खारिज
वैक्सीन का फार्मूला चोरी करने करने के दावे को किया खारिज
दिमित्रिव ने वैक्सीन निर्माण में फार्मूला चोरी करने के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी इबोला बुखार के लिए 2015 में विकसित की गई दवा को संशोधित कर इसे तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि अन्य प्रतियोगी RNA जैसी तकनीक पर काम कर रहे हैं, जो सुरक्षा और प्रभाविकता के तौर पर अभी साबित नहीं हुई है। स्पूतनिक वी के कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आए हैं।
साझा
रूस ने भारत के साथ साझा किया कोरोना वायरस वैक्सीन का डाटा
बता दें कि रूस ने भारत के साथ अपनी वैक्सीन स्पूतनिक वी का डाटा साझा कर दिया है।
भारत ने इस वैक्सीन को बनाने वाले गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी से ये डाटा मांगा था। इसके बाद संस्थान ने वैक्सीन कितनी प्रभावी और सुरक्षित है, इससे संबंधित विस्तृत डाटा भारतीय अधिकारियों को भेज दिया है।
भारत में अधिकारी और विशेषज्ञ इसका विश्लेषण करने में जुटे हुए हैं। अब भारत में इसका तीसरे चरण का ट्रायल होगा।
इच्छा
रूस ने वैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत से साझेदारी करने की जताई थी इच्छा
हाल ही में रूस ने वैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत से साझेदारी करने की इच्छा जताई थी।
RDIF के CEO किरिल दिमित्रीव ने कहा था कि लैटिन अमेरिका, एशिया और मध्य पूर्व के कई राष्ट्र रूसी वैक्सीन का उत्पादन करने में रुचि रखते हैं। ऐसे में वह भारत के साथ भी साझेदारी पर विचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा था कि उत्पादन को लेकर साझेदारियां वैक्सीन की मांग की समय पर देशों में पूर्ति करने में सक्षम बनाएंगी।