ट्रंप बोले- भारत-पाकिस्तान के बीच स्थिति बहुत भयानक, कड़े कदम उठा सकता है भारत
पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में आए तनाव को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बहुत भयानक बताया है। शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन दोनों देशों के संपर्क में है और उम्मीद कर रहा है कि यह स्थिति जल्द ही दूर होगी। उन्होंने कहा कि भारत ने इस हमले में अपने जवान गंवाएं है और अब वह बड़ा कदम उठाने के बारे में सोच रहा है।
'भारत-पाकिस्तान के बीच स्थिति खतरनाक'
ट्रंप ने कहा, "भारत कड़े कदम उठाने की सोच रहा है। भारत ने अभी-अभी अपने 50 लोगों को खोया है, इसके बारे में कई लोग बात कर रहे हैं, लेकिन यहां बहुत नाजुक बैलेंस है। अभी जो कुछ कश्मीर में हुआ है इस वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच काफी दिक्कतें हैं। यह बहुत खतरनाक है।" साथ ही उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत-पाकिस्तान के बीच खतरनाक चीजें हो रही है, यह एक बहुत-बहुत खराब स्थिति है।
'बड़ा कदम उठाने की सोच रहा भारत'
'पाकिस्तान की सहायता रोकी'
ट्रंप ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने पाकिस्तान को दी जा रही 1.3 बिलियन डॉलर की मदद रोक दी है। पाकिस्तान ने अमेरिकी द्वारा दी जा रही मदद का गलत फायदा उठाया है।
पुलवामा हमले को बताया था भयानक वाकया
पुलवामा हमले के बाद पहली बार बयान देते हुए ट्रंप ने इसे 'भयानक वाकया' बताया था। मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा था, "मुझे इस हमले से जुड़ी कई रिपोर्ट मिली हैं। ये बेहद भयानक वाकया है। हम जल्द ही इस पर बयान जारी करेंगे। मैं चाहता हूं दोनों पड़ोसी देश (भारत-पाकिस्तान) अपने मामले सुलझा लें।" ट्रंप के अलावा अमेरिकी विदेश विभाग ने हमले के बाद बयान जारी कर भारत के प्रति समर्थन व्यक्त किया था।
अमेरिकी विदेश विभाग का बयान
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद से अमेरिका भारत के संपर्क में है। अमेरिका न सिर्फ इस हमले की निंदा करता है बल्कि भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। पाकिस्तान को इस हमले की जांच में मदद करनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र समेत दुनियाभर ने की हमले की निंदा
CRPF के काफिले पर हुए हमले की दुनियाभर में निंदा की गई है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस कायराना वारदात की कड़ी निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वो उम्मीद करता है कि इसके दोषियों को उचित सजा दी जाएगी। अमेरिका, रूस, बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल, इजरायल और फ्रांस समेत दुनियाभर के कई देशों ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में वे भारत के साथ खड़े हैं।
UNSC ने हमले को बताया कायराना हरकत
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भी पुलवामा हमले के निंदा करते हुए बयान जारी किया था। चीन समेत कुल 15 सदस्य देशों वाली परिषद ने पुलवामा हमले को घृणित और कायराना हरकत बताया था। UNSC ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम लेते हुए कहा कि हमलों के लिए दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। UNSC ने अपने बयान में कहा था कि हर तरह का आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है।
UNSC का बयान क्यों है खास?
UNSC के पांच स्थायी देशों में चीन भी शामिल है। ऐसे में UNSC के इस बयान को भारत की लिए बड़ी जीत भी माना जा रहा है। चीन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकी मानने से इनकार करता आया है। चीन ने अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के भारत के प्रस्ताव का कई बार विरोध किया है। UNSC के इस बयान को पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे उसके ऊपर अतंरराष्ट्रीय दबाव और बढ़ेगा।
जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
बीती 14 फरवरी को जम्मू से श्रीनगर जा रहे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। भारत लगातार पाकिस्तान से उसकी जमीन से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों की कार्रवाई करने की मांग कर रहा है। वहीं पाकिस्तान सरकार ने इस हमले में उसके हाथ होने की बात से इनकार किया है।
हमले के बाद उठाए गए ये कदम
इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने कड़ी कार्रवाई करते हुए घाटी में जैश के कमांडर गाजी को मार गिराया था। वहीं भारत सरकार ने पाकिस्तान को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया था। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान में मौजूद अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया था। यही नहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि पाकिस्तान की तरफ जाने बहने वाली तीन नदियों का पानी रोका जाएगा।