क्या है पाकिस्तान से वापस लिया गया MFN का दर्जा और क्या होगा इसका असर?
पुलवामा में CRPF काफिले पर हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया है। इसके बाद पाकिस्तान को भारत के साथ व्यापार के लिए मिलने वाली छूट बंद हो जाएगी। आइये, विस्तार से जानते हैं कि MFN दर्जा क्या है और भारत का ताजा कदम कैसे पाकिस्तान को प्रभावित करेगा?
क्या है MFN का दर्जा?
देशों के बीच व्यापार पर नजर रखने वाले संस्थान वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के नियमों के मुताबिक, हर देश को दूसरे देश को मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा देना होता है। कुल 164 देश WTO के सदस्य हैं। दुनियाभर के कुल व्यापार का 98 प्रतिशत व्यापार इन्हीं देशों में होता है। WTO का मुख्य उद्देश्य देशों के बीच खुले व्यापार को बढ़ावा देना है। वहीं 'मोस्ट फेवर्ड' का मतलब बिजनेस के लिए किसी देश को खास तवज्जो देना है।
भारत ने 1996 में पाकिस्तान को दिया था MFN का दर्जा
WTO के हर सदस्य देश को दूसरे सदस्य देश को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देना होता है। भारत ने साल 1996 में पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था। हालांकि, पाकिस्तान ने कभी भी भारत को यह दर्जा नहीं दिया था।
2011 में हुई थी कोशिश
पाकिस्तान की तरफ से साल 2011 में भारत को दर्जा देने के लिए कुछ कदम बढ़ाए थे। नवंबर, 2011 में पाकिस्तान कैबिनेट ने भारत को MFN दर्जा देने की सहमति जताई थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। मार्च 2012 में पाकिस्तान ने भारत से आयात नहीं किए जाने वाले 1,209 आइटमों की 'नेगेटिव लिस्ट' को आयात किए जाने वाले 1,950 आइटम की 'पॉजीटिव लिस्ट' से बदल दिया था। हालांकि, यह भी मोस्ट फेवर्ड नेशन के दर्जे से काफी कम था।
लंबे समय से उठ रही थी MFN दर्जा वापस लेने की मांग
पाकिस्तान की तरफ से लगातार हो रहे हमले और दोनों देशों के बीच बिगड़े रिश्तों के बीच भारत में पाकिस्तान से MFN का दर्जा वापस लेने की मांग लगातार उठती रही, लेकिन भारत ने अभी से पहले ऐसा कदम नहीं उठाया था।
पिछले महीने तक MFN दर्जे पर विचार नहीं कर रहा था भारत
भारत सरकार भी इन मांगों के बावजूद पाकिस्तान को दिए गए MFN के दर्जे पर विचार नहीं कर रही थी। पिछले महीने की शुरुआत में राज्यसभा में विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि पाकिस्तान को दिए MFN के दर्जे पर विचार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत ने WTO के नियमों के मुताबिक, सभी देशों को MFN का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।
खोखली बातें करते रहे हैं इमरान खान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने बयानों में कहा है कि वह भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते सुधारना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि गरीबी हटाने और लोगों का जीवन-स्तर ऊपर उठाने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत और व्यापार चलते रहना चाहिए।
क्या होगा भारत के ताजा कदम का असर
भारत द्वारा पाकिस्तान से MFN वापस लेने के बाद पाकिस्तान को व्यापार में मिलने वाली तरजीह बंद हो जाएगी। इससे कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान अलग-थलग पड़ेगा और वहां के उद्योगों पर भी इसका काफी असर पड़ेगा। भारत से जाने वाले केमिकल और कपास की आपूर्ति बंद होने से इनसे जुड़े उद्योगों के सामने कच्चे माल की कमी का संकट खड़ा हो जाएगा। इसका सीधा असर उन उद्योगों पर होगा जो भारत से जाने वाले कच्चे माल पर आधारित हैं।