पाकिस्तान की इस यूनिवर्सिटी में 'वेलेंटाइन डे' को 'सिस्टर्स डे' मनाने का फ़रमान
क्या है खबर?
हर साल 14 फरवरी को 'वेलेंटाइन डे' के रूप में मनाया जाता है, लेकिन हाल ही में पाकिस्तान की एक यूनिवर्सिटी ने इस्लामी परंपरा को बढ़ावा देने के लिए 14 फरवरी को 'वेलेंटाइन डे' की जगह 'सिस्टर्स डे' के रूप में मनाने का फ़ैसला लिया है।
यूनिवर्सिटी ने यह जानकारी एक फेसबुक पोस्ट के ज़रिए दी है। अगर पाकिस्तान में ऐसा होता है तो पाकिस्तान पहला देश बन जाएगा, जो 'वेलेंटाइन डे' को 'सिस्टर्स डे' के रूप में मनाएगा।
जानकारी
संत वेलेंटाइन की याद में मनाया जाता है 'वेलेंटाइन डे'
हर साल 14 फरवरी को संत वेलेंटाइन की याद में पूरी दुनिया में 'वेलेंटाइन डे' मनाया जाता है। इसे प्रेम के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने प्यार का इज़हार करते हैं और एक-दूसरे को तोहफ़े देते हैं।
बयान
पाकिस्तान की तहज़ीब है इस्लाम के मुताबिक
पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल डॉन के अनुसार, फैसलाबाद के कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति जफर इक़बाल रंधावा और नियम बनाने वालों ने यह तय किया है कि छात्राओं को स्कार्फ़ और कपड़ा तोहफ़े में दिया जा सकता है।
कुलपति का मानना है कि पाकिस्तान की तहज़ीब इस्लाम के मुताबिक है। डॉन न्यूज़ टीवी से बात करते हुए जफर ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सिस्टर्स डे मनाने का उनका सुझाव काम करेगा या नहीं।
पाकिस्तान
'सिस्टर्स डे' है पति-पत्नी के प्यार से भी बड़ा दिन
जफर का मानना है कि कुछ मुस्लिमों ने 'वेलेंटाइन डे' को खतरे में बदल दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि, "मेरा मानना है कि अगर यह खतरा है तो इसे मौके में बदलें।"
उनके अनुसार 'सिस्टर्स डे' मनाने से लोगों को अहसास होगा कि पाकिस्तान में बहनों को कितना प्यार और सम्मान मिलता है।
जफर के अनुसार भाई-बहन के प्यार से बढ़कर कोई प्यार नहीं है और 'सिस्टर्स डे' पति-पत्नी के प्यार से भी बड़ा दिन है।
जानकारी
मीडिया को भी वेलेंटाइन डे की खबरें करने की थी मनाही
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2017 में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए 'वेलेंटाइन डे' पर प्रतिबंध लगा दिया था। केवल यही नहीं मीडिया को भी इससे जुड़ी खबरें करने की मनाही थी।