#ArmyDay: इसलिए मनाया जाता आर्मी डे, इन बातों को जानकर होंगे गौरवान्वित
हर साल 15 जनवरी को आर्मी डे मनाया जाता है। आज ही के दिन 1949 में फ़ील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ़्रांसिस बुचर से भारतीय थल सेना की कमान ली थी। आपकी जानकारी की लिए बता दें कि जनरल बुचर भारत के आख़िरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ़ थे। फ़ील्ड मार्शल करियप्पा, भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ़ बने थे। इंडियन आर्मी इस साल अपना 71वाँ आर्मी डे मना रही है।
करियप्पा पहले अधिकारी थे जिन्हें दी गई थी फ़ील्ड मार्शल की रैंक
इंडियन आर्मी डे यानी 15 जनवरी को हर साल जवानों के दस्ते और अलग-अलग रेजिमेंट की परेड होती है और झाँकियाँ भी निकाली जाती है। केएम करियप्पा पहले ऐसे अधिकारी थे, जिन्हें फ़ील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी। 1947 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में इन्होंने ही भारतीय सेना को कमांड किया था। करियप्पा के कौशल और वीरता को देखते हुए केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
सेवानिवृत्ति के 33 साल बाद नवाज़ा गया फ़ील्ड मार्शल की उपाधि से
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केएम करियप्पा ने देशों की सेना के गठन में अहम योगदान दिया था। इसी वजह से इन्हें सेवानिवृत्ति के 33 साल बाद फ़ील्ड मार्शल की उपाधि से नवाज़ा गया था।
इंडियन आर्मी के बारे में कुछ तथ्य
इंडियन आर्मी का गठन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था। आज इंडियन आर्मी के 53 कैंटोनमेंट और नौ आर्मी बेस हैं। इंडियन आर्मी के बारे में एक ख़ास बात यह भी है कि सेना में हर 100वाँ सैनिक उत्तराखंड से है। हर साल उत्तराखंड के लगभग 9,000 युवक सेना में शामिल होते हैं। उत्तराखंड राज्य के 1,69,519 पूर्व सैनिकों के अलावा लगभग 72,000 जवान इंडियन आर्मी में सेवारत हैं।