पाकिस्तान: आतंकी फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार हुआ मुंबई हमले का मास्टरमाइंड लखवी
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर और 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया है। आतंकियों की आर्थिक मदद करने के आरोप में पाकिस्तान के पंजाब से उसकी गिरफ्तारी हुई है। बता दें कि उसकी गिरफ्तारी का मुंबई हमले में उसकी भूमिका से कोई संबंध नहीं है। पंजाब के आंतक रोधी विभाग द्वारा लाहौर में दर्ज किए एक मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
आतंकी फंडिंग जुटाने के लिए डिस्पेंसरी चला रहा था लखवी
अधिकारियों का कहना है कि 61 वर्षीय लखवी आतंकियों के लिए फंड जुटाने के लिए डिस्पेंसरी चला रहा था। खुफिया जानकारी मिलने के बाद शनिवार को उसकी गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया गया था। अधिकारियों ने बताया कि लखवी पर आतंकी फंडिंग के आरोप हैं। वो और दूसरे लोग इस डिस्पेंसरी से पैसे जुटाते और इनसे आतंकियों को आर्थिक मदद मुहैया कराते थे। साथ ही इस पैसे को वो अपना खर्च चलाने के लिए भी इस्तेमाल करते थे।
पहले भी गिरफ्तार हो चुका है लखवी
इससे एक बार पहले भी लखवी की गिरफ्तारी हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छह साल जेल में रहने के बाद 2015 में लखवी जमानत पर बाहर आया था। उसके बाद से वह वापस जेल नहीं गया। बता दें कि मुंबई हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने लखवी को आंतकवादियों की सूची में शामिल कर दिया था। इसके साथ ही उसकी संपत्ति और बैंक खातों की सीज किया गया था।
गिरफ्तारी के नाम पर दिखावा करता है पाकिस्तान
पाकिस्तान पहले भी कई बार दुनिया के दबाव में आकर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दिखावा करता रहा है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ब्लैकलिस्ट में जाने से बचने के लिए पाकिस्तान दुनिया को यह दिखाता है कि वह आतंक के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, लेकिन असल हालात अलग होते हैं। गिरफ्तारी के बाद भी आतंकियों को जेल में सभी सुविधाएं मिलती हैं और उन पर किसी तरह की पाबंदियां नहीं होती।
पाकिस्तान को मिली थी लखवी को हर महीने पैसे देने की मंजूरी
बीते महीने पाकिस्तान को UNSC ने हर महीने लखवी को 1.5 लाख रुपये देने की अनुमति दी थी। पाकिस्तान सरकार ने इसके लिए संयुक्त राष्ट्र की संस्था से मंजूरी मांगी थी। पाकिस्तान को लखवी को हर महीने खाने के लिए 50,000, दवाइयों के लिए 45,000, वकील की फीस के लिए 20,000, आने-जाने के लिए 15,000 और अन्य खर्चों के लिए 20,000 पाकिस्तानी रुपये देने की मंजूरी मिली थी। उसके खाते सीज होने के कारण पाकिस्तान को मंजूरी लेनी पड़ी थी।