कोरोना महामारी को लेकर जानकारी सार्वजनिक करने वाले शख्स को 3 साल बाद रिहा करेगा चीन
चीन 3 साल पहले कोरोना वायरस महामारी को लेकर जानकारी सार्वजनिक करने वाले एक शख्स को रिहा करने जा रहा है। समाचार एजेंसी AP के मुताबिक, शख्स के एक रिश्तेदार ने इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि फांग बिन नामक इस शख्स ने चीन में महामारी के शुरुआती चरण के दौरान अस्पतालों में संक्रमित मरीजों की भीड़ और शवों के अंबार के वीडियो सार्वजनिक किए थे, जिसके बाद वो अचानक लापता हो गए थे।
शख्स ने की थी चीनी अधिकारियों की आलोचना
कपड़े का व्यापार करने वाले फांग समेत अन्य लोगों ने वर्ष 2020 की शुरुआत में कथित तौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर महामारी की जानकारी साझा की थी। उन्होंने चीनी अधिकारियों की महामारी के प्रकोप को नियंत्रित करने में असफल रहने के लिए आलोचना की थी। गौरतलब है कि फांग ने अपना आखिरी वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया गया, जिसमें एक कागज के टुकड़े पर लिखा था, 'सभी नागरिक विरोध करते हैं, लोगों को सत्ता वापस सौंपी जाए।'
शख्स को सुनाई गई थी 3 साल जेल की सजा
बता दें कि सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने महामारी से जल्द निपटने के लिए पर्याप्त कोशिश नहीं करने को लेकर उसकी आलोचना करने वालों के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई की थी, जिसके तहत फांग को 3 वर्ष भी जेल की सजा सुनाई गई थी। फांग के एक करीबी ने AP को बताया कि उन्हें समाज के बीच में झगड़ा फैलाने का दोषी पाया गया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।
चीन में अन्य लोगों पर भी की गई थी कार्रवाई
महामारी के शुरुआत में कई नागरिक पत्रकारों ने कम्युनिस्ट पार्टी के दबाव के बावजूद अपने स्मार्टफोन के जरिए सोशल मीडिया पर अपनी और दूसरों की कहानियों को बताने की कोशिश की थी। इनमें से कई लोग अचानक लापता हो गए थे, जिनमें से कुछ बाद में सामने आए थे। गौरतलब है कि दिसंबर, 2020 में वुहान में कोरोना वायरस संक्रमण की रिपोर्टिंग करने वाली एक स्वतंत्र पत्रकार झेंग झेन को भी 4 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
वुहान में मिला था कोरोना वायरस का पहला मामला
कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर शुरुआत से ही चीन सवालों के घेरे में रहा है। कई बार दावा किया गया कि यह वायरस चीन के वुहान में स्थित लैब से ही फैला था, जिन्हें चीन खारिज करता रहा है। बता दें कि दिसंबर, 2019 में कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के वुहान में मिला था। इसके बाद 2020 की शुरुआत से ही चीन से निकलकर इसका प्रसार पूरी दुनिया में शुरू हो गया था।