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कोरोना में बेरोजगार हुए श्रमिक ने पराठों से की लाखों की कमाई, ट्विटर पर कहानी वायरल
असम के दिगांता दास कोरोना काल में बेरोजगार होने के बाद खुद पराठे बनाकर बेचने का काम कर रहे हैं (तस्वीर: ट्विटर/@mrinaltalukdar8)

कोरोना में बेरोजगार हुए श्रमिक ने पराठों से की लाखों की कमाई, ट्विटर पर कहानी वायरल

लेखन गजेंद्र
Mar 29, 2023
06:11 pm

क्या है खबर?

असम के गोहपुर में रहने वाले दिगांता दास कभी दक्षिण भारत में पैकेज खाद्य उद्योग में श्रमिक थे। कोरोना काल में उनका काम छूटा तो बेरोजगार होकर घर चले आए, लेकिन आज वो खुद का पराठों का बिजनेस कर रहे हैं। 'डेली फ्रेश फूड मल्टीलेयर परोटा' के नाम से वह आधे पके हुए पराठे असम के कई शहरों में बेच रहे हैं। उनकी सफलता की कहानी को ट्विटर पर गुवाहाटी के उन्नत किसान मृणाल तालुकदार ने शेयर किया है।

सफलता

असम में कई जगह खोले हैं केंद्र

जानकारी के मुताबिक, दिगांता ने असम में ही कई जगह अपने पराठों के केंद्र खोले हैं। यह आपको बिश्वनाथ चैराली, लखीमपुर, तेजपुर और तिनसुकिया में आसानी से मिल जाएगा। इसके अलावा डिब्रूगढ़ और जोरहाट में पार्टनरशिप पर दो केंद्रे खोले गए हैं। दिगांता के हर केंद्र से रोजाना 1,200 पराठों के पैकेट की बिक्री होती है। पराठों के एक पैकेट की कीमत 60 रुपये हैं। इसमें 5 पीस पराठे मिलते हैं।

ट्विटर पोस्ट

दिगांता दास के यूनिट में इस तरह बनते हैं पराठे