श्रीलंका में फेल हुआ ऊर्जा संयंत्र, सात घंटे तक अंधेरे में डूबा रहा पूरा देश
क्या है खबर?
भारत के पड़ौसी देश श्रीलंका का प्रमुख ऊर्जा सयंत्र सोमवार को पूरी तरह से फेल हो गया। इसके चलते पूरा देश करीब सात घंटे तक अंधेरे में डूबा रहा। इससे लोगों सहित सरकारी मशीनरी को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
तकनीकी विशेषज्ञों के लगातार काम में जुटने के करीब सात घंटे बाद राजधानी कोलंबों की बिजली आपूर्ति तो सुचारू हो गई, लेकिन वर्तमान में देर के कई अन्य हिस्सों में आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी है।
कारण
तकनीकी खामी के चलते फेल हुआ ऊर्जा सयंत्र
BBC की रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री डलास अलाहापेरुमा ने बताया कि राजधानी कोलंबो के बाहरी इलाके में स्थित केरावलपीटिया स्थित बिजली घर में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण सोमवार को पूरे देश में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई।
कड़ी मशक्कत के बाद करीब सात घंटे बाद श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में बिजली आपूर्ति बहाल हो गई, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में अब भी सप्लाई नहीं हो सकी है। इससे लोग परेशान है।
जानकारी
कारण स्प्ष्ट करने के लिए बिजली बोर्ड को दिया तीन दिन का समय
देश के सार्वजनिक उपयोगिता नियामक का कहना है कि बिजली सयंत्र कैसे फेल हुआ, उसके कारणों की जांच की जाएगी और सरकार के एकाधिकार वाले सीलोन बिजली बोर्ड (CEB) को इस संबंध में कारण स्पष्ट करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है।
परेशानी
पानी सप्लाई में आई भारी परेशानी
बिजली आपूर्ति ठप होने से पूरे देश में अफ़रा-तफरी का माहौल रहा। राजधानी कोलंबो की सड़कों पर ना तो ट्रैफिक सिग्नल काम कर रहे थे और ना स्ट्रीट लाइट्स। ऐसे में यातायात को संभालने में पुलिस को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा। इसी तरह बिजली के अभाव में पानी की सप्लाई नहीं की जा सकी। इससे लोगों को पानी के लिए भी भटकना पड़ा।
हालांकि, अस्पताल और अन्य आवश्यक सेवाओं में पावर-बैक-अप की व्यवस्था की गई।
पुनरावृत्ति
श्रीलंका में पहले भी फेल हो चुका है ऊर्जा सयंत्र
पूरे श्रीलंका में इतने लंबे समय तक बिजली आपूर्ति के ठप होने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले मार्च 2016 में भी मुख्य बिजली सयंत्र फेल हो गया था।
उस दौरान पूरे देश में करीब आठ घंटे बिजली आपूर्ति ठप रही थी। उस दौरान भी लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी थी।
ऐसे में इस घटना ने लोगों के जेहन में साल 2016 की यादों को जिंदा कर दिया। सरकार अब इसके कारणों की जांच में जुटी है।