
भारत में कम हो रही प्रेस की आजादी, रैंकिंग में 142वें पायदान पर पहुंचा
क्या है खबर?
भारत भले ही विकसित देशों की श्रेणी की ओर बढ़ रहा है, लेकिन यहां सरकार की सच्चाई सामने लाने वाली प्रेस को बहुत कम आजादी मिलती है।
यह हम नहीं बल्कि मंगलवार को रिपोर्टस विदाउट बॉर्डर्स के वार्षिक विश्लेषण के अनुसार जारी की गई वैश्विक प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक सूची कह रही है।
इसके अनुसार भारत में प्रेस की आजादी घट रही है और वह इस साल दो पायदान लुढ़ककर 180 देशों की सूची में 142वें पायदान पर पहुंच गया है।
उल्लंघन
साल 2019 में भारत में हुआ प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन
रिपोर्ट के अनुसार भारत में साल 2019 में किसी पत्रकार की हत्या नहीं हुई, जबकि साल 2018 में छह पत्रकारों की हत्या हुई थी।
ऐसे में गत वर्ष मीडिया की सुरक्षा की स्थिति में तो सुधार हुआ है, लेकिन स्वतंत्रता का जमकर उल्लंघन हुआ है।
इसमें कवरेज के दौरान पत्रकारों को पुलिस हिंसा, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और अपराधियों की गैंग के हमलों का सामना करना पड़ा है। इसी तरह भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा अपमानित करना भी शामिल है।
दबाव
हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा के लिए सरकार द्वारा बनाया गया दबाव- रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का इस सूचकांक में दो पायदान नीचे गिरने का एक प्रमुख कारण यह भी रहा है कि यहां की सरकार ने राष्ट्रवादी विचारधारा के बढ़ाने के लिए मीडिया पर दबाव बनाया है।
इतना ही नहीं देश में उन पत्रकारों के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिए सामाजिक गुट खड़े किए गए, जिन्होंने हिंदुत्व की अवधारणा के अनुयायियों के खिलाफ बोलने या लिखने की हिम्मत की। विशेष रूप से तब जब महिलाओं को टारगेट किया गया।
जानकारी
मीडिया के कवरेज में डाली रुकावट
रिपोर्ट के अनुसार, गत वर्ष भारत में सरकार और अन्य रसूखधारियों ने ऐसे हालात पैदा कर दिए थे कि मीडिया सही तरह से कवरेज नहीं कर सकें। इसमें अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के दौरान की गई कार्रवाई प्रमुख है।
अफगानिस्तान
भारत से आगे हैं अफगानिस्तान और श्रीलंका
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस सूचकांक में आए दिन आतंकी हमलों से जूझने वाला देश अफगानिस्तान भी भारत से आगे 122वें स्थान पर हैं।
वहां की मीडिया को भारत की तुलना में कवरेज की अधिक आजादी है। इसी तरह नेपाल 112वें, श्रीलंका 127वें और मालदीन 79वें स्थान पर है।
ऐसे में कहा जा सकता है कि भारत से जनसंख्या, क्षेत्रफल और अर्थव्यवस्था के मामले में बहुत छोटे इन देशों में मीडिया को अधिक आजादी दी गई है।
जानकारी
पाकिस्तान और बांग्लादेश में ज्यादा खराब है मीडिया की हालत
वैश्विक प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और बांग्लादेश की हालत भारत से खराब है। पाकिस्तान इस सूची में दो स्थान पिछड़कर 145वें तथा बांग्लादेश एक पायदान लुढ़ककर 151वें स्थान पर पहुंच गया है।
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स
मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर सर्वे करता है रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी संगठन है।
यह प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों पर होने वाले हमलों का रिकॉर्ड रखते का काम करता है।
यह संगठन दुनिया के सभी देशों में मीडिया को अधिक आजादी देने की वकालत करता है।
इसके साथ-साथ यह संगठन सार्वजनिक हित में UN, UNESCO और EU जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानव अधिकारों पर सलाहकार की भूमिका भी निभाता है।
शीर्ष देश
दुनिया के इन 10 देशों में मीडिया को मिली है सबसे अधिक आजादी
1) नॉर्वे
2) फिनलैंड
3) डेनमार्क
4) स्वीडन
5) नीदरलैंड
6) जमैका
7) कोस्टारिका
8) स्विट्जरलैंड
9) न्यूजीलैंड
10) पुर्तगाल
फिसड्डी
प्रेस को आजादी देने में फिसड्डी हैं ये देश
मीडिया पर प्रतिबंधों के मामले में निम्नलिखित देश सबसे आगे है। यहां अन्य देशों की तुलना में मीडिया को सबसे कम आजादी मिलती है।
1) दक्षिण कोरिया
2) तुर्कमेनिस्तान
3) इरिट्रिया
4) चीन
5) जिबूती
6) वियतनाम
7) सीरिया
8) ईरान
9) लाओस
10) क्यूबा