चीन के इस शहर में चलेंगी बिना ड्राइवर की गाड़ियां, लाइसेंस को मिली मंजूरी
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में तकनीक काफी आगे निकल चुकी है। बाजार में एडवांस ड्राइविंग असिस्ट सिस्टम (ADAS) और ऑटो पायलट वाली गाड़ियां दस्तक दे चुकी हैं। वह दिन दूर नहीं जब बिना ड्राइवर की गाड़ियां सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी। ऐसी गाड़ियां जल्द ही चीन की सड़कों पर देखी जा सकती हैं। खबर है कि चीनी कंपनी पोनी.एआई को बिना ड्राइवर के चलने वाली टैक्सी के लिए लाइसेंस मिल गया है।
ये जानकारी आई है सामने
बता दें कि टोयोटा मोटर के सहयोग वाली सेल्फ ड्राइविंग टेक कंपनी पोनी एआई को चीन में टैक्सी चलाने का लाइसेंस मिल चुका है। अब चीन के कुछ शहरों की सडकों पर लोग ड्राइवरलेस वाहनों में सवार हो सकेंगे। इन वाहनों में किराया लेने की भी सुविधा होगी। रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी को नान्शा के गुआंगझू शहर में 100 ड्राइवरलेस गाड़ियों के संचालन का लाइसेंस अब चीन सरकार द्वारा मिल चुका है।
कंपनी ने कही यह बात
कंपनी द्वारा दिए गए बयान के अनुसार, इन ड्राइवरलेस टैक्सियों को नान्शा के छोटे से इलाक़े के लिए अनुमति मिली है। बता दें कि कंपनी अपनी ड्राइवरलेस गाड़ियां को केवल 800 वर्ग किलोमीटर के दायरे में ही चला सकती हैं। वहीं, पैसेंजर या गाड़ी में सवार होने वाले लोग कंपनी की ऐप से राइड बुक और पेमेंट कर सकते हैं। इसके अलावा कंपनी चीन के साथ-साथ अमेरिका में भी ड्राइवरलेस टेक्नोलॉजी को टैक्सियों का परीक्षण कर रही है।
ड्राइवरलेस कार लॉन्च करेगी मुंबई की ऑटोमोबाइल कंपनी
मुंबई की ऑटोमोबाइल कंपनी ऑटोनॉमस इंटेलिजेंस मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड (AIMPL) देश में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-ऑफ-थिंग्स (AIoT) संचालित ड्राइवरलेस कार लॉन्च करेगी। बिना ड्राइवर के चलने वाली इस कार के पेट्रोल और डीजल वेरिएंट में मार्च, 2023 तक लॉन्च किया जायेगा। वहीं, कंपनी इसमें एक इलेक्ट्रिक वेरिएंट की भी पेशकश कर सकती है। AIoT तकनीक को पहली बार 2014 में IIT- बॉम्बे में आयोजित नेशनल रोबोटिक्स चैंपियनशिप (NRC) में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के छात्र कुशाल तानाजी शिलिमकर ने पेश किया था।
कैसे काम करती है यह तकनीक?
बता दें कि इस तकनीक के लिए कार में कई कस्टम सेंसर, कैमरे और रडार लगाए जाएंगे, जो परसेप्शन सिस्टम को कार की हर जानकारी देंगे और इनके एल्गोरिदम से प्राप्त जानकारी का उपयोग करके यह अपने आप चलेगी। इस तकनीक की मदद से यह सिस्टम सड़क की भीड़, गड्ढों, रास्तों और गलियों की हर जानकारी प्राप्त कर सकेगा और कार को बिना किसी कठनाई के चलने में मदद करेगा और इसमें लगे कैमरे ड्राइवर को हर जानकारी देते रहेंगे।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
ऑटोनॉमस ड्राइविंग तकनीक से बनने वाली कारों में ड्राइवरों की जरूरत नहीं होती है। इन्हें सेल्फ ड्राइविंग कारें कहा जाता है। इसकी मदद से कार अपने आप ब्रेकिंग सिस्टम, एक्सीलरेशन और स्टीयरिंग व्हील आदि को कंट्रोल कर सकती हैं। ऐसी कारों के आने से लोगों का समय भी बचेगा। वे कार ड्राइव करने की जगह उसमें बैठकर अपना कोई भी काम कर सकेंगे। साथ ही ड्राइविंग न कर पाने वाले किसी पर निर्भर नहीं रहेंगे।