ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने राजनीतिक संकट के बीच पद से इस्तीफा दिया
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने देश में चल रहे आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बुधवार को गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन के इस्तीफा देने और संसद के निचले सदन में सदस्यों द्वारा जमकर आलोचना करने के बाद उन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उन्होंने 5 सितंबर को ही बोरिस जॉनसन के बाद देश की कमान संभाली थी, लेकिन राजनीतिक संकट के कारण महज 45 दिन में ही इस्तीफा दे दिया।
लिज ट्रस ने इस्तीफे को लेकर क्या कहा?
लिज ट्रस ने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा, "वह प्रधानमंत्री मंत्री बनने की दौड़ के दौरान किए वादों को पूरा नहीं कर सकी हैं। उन्होंने अपनी पार्टी का विश्वास खो दिया है।" उन्होंने आगे कहा, "मैं मानती हूं कि वर्तमान में मेरे पास वह जनादेश नहीं है, जिसके दम पर मुझे कंजर्वेटिव पार्टी ने अपना नेता चुना था। इस कारण मैंने महामहिम राजा को संदेश भिजवाया कि मैं कंजरवेटिव पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफा दे रही हूं।"
अगले सप्ताह तक हो जाएगा नए नेतृत्व का फैसला- ट्रस
लिज ट्रस ने कहा, "आज सुबह मैं 1922 समिति के अध्यक्ष सर ग्राहम ब्रैडी से मिली थी। हम इस बात पर सहमत हुए कि नेतृत्व का चुनाव अगले सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि हम अपनी वित्तीय योजनाओं को पूरा करने और अपने देश की आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के रास्ते पर बने रहें।" बता दें कि आर्थिक संकट के चलते लगातार पार्टी नेता उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
आर्थिक योजना के असफल होने से खड़ा हुआ था संकट
पिछले महीने सरकार ने एक आर्थिक योजना पेश की थी, जिसके असफल होने के कारण आर्थिक उथल-पुथल और राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। इसके बाद ट्रस को वित्त मंत्री बदलने के अलावा अपनी कई नीतियों में भी बदलाव करना पड़ा था। इसके साथ ही उनके कार्यकाल के दौरान सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी में अनुशासनहीनता भी देखने को मिली रही थी। इससे चलते उनके खिलाफ विरोध के सुर फूट पड़े थे और अधिकतर नेता उनके इस्तीफे की मांग करने लगे थे।
टैक्स में कटौती से बिगड़े हालात
ट्रस सरकार ने 23 सितंबर को बिना सोचे-समझे टैक्स में कटौती कर दी और इससे होने वाले नुकसान का कोई इंतजाम भी नहीं किया। इससे वित्तीय बाजारों में तूफान आ गया और पाउंड की कीमत गिर गई। ब्रिटिश सरकार की उधारी लागत भी बढ़ गई। इससे उपजे संकट को बढ़ने से रोकने के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड को हस्तक्षेप करना पड़ा था। इसके बाद लिज ट्रस ने नीतियों को बदला और इसके लिए जनता से माफी भी मांगी थी।
गृह मंत्री ने बुधवार को दिया था इस्तीफा
देश में बढ़ते राजनीतिक और आर्थिक संकट का बड़ा असर पिछले शुक्रवार को उस समय देखने को मिला जब वित्त मंत्री क्रासिंस्की क्वार्टेंग को पद से हटा दिया गया था। इसके बाद बुधवार को भारतवंशी सुएला ब्रेवरमैन ने गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें 43 दिन पहले ही गृह मंत्री बनाया गया था। उनकी लंदन में मंत्रिस्तरीय संचार के लिए अपने निजी ई-मेल का इस्तेमाल करने की गलती के कारण कड़ी आलोचना हो रही थी।
लिज ट्रस ने बुधवार को खुद को बताया था योद्धा
लिज ट्रस ने बुधवार को खुद को मैदान छोड़कर भागने वाले के बजाय एक योद्धा बताया था। उससे लग रहा था कि वह स्थितियों का मुकाबला करेगी और पद से इस्तीफा नहीं देगी, लेकिन उन्होंने अपने बयान के महज 24 घंटे बाद इस्तीफा दे दिया।
लिट ट्रस के नाम दर्ज हुआ सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड
लिज ट्रस के इस्तीफा देने के साथ ही उनके नाम एक अनचाहा रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया है। वह ब्रिटेन के इतिहास में सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहने वाली शख्स बन गई हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री जॉर्ज कैनिंग के नाम था। उन्होंने 1827 में 119 दिनों तक इस पद पर देश की सेवा की थी और उसी दौरान उनकी मौत हो गई थी। हालांकि, अब ट्रस को बदलने के लिए अगले सप्ताह नेतृत्व चुनाव कराया जाएगा।
लिज ट्रस को 5 सितंबर को चुना गया था प्रधानमंत्री
इससे पहले बोरिस जॉनसन के इस्तीफा देने के बाद लिज ट्रस को 5 सितंबर को देश का नया प्रधानमंत्री चुना गया था। कंजर्वेटिव पार्टी के 1.60 लाख पंजीकृत सदस्यों की वोटिंग में उन्होंने भारतीय मूल के ऋषि सुनक को हराया था। चुनाव में पार्टी के कुल 1,72,437 सदस्यों द्वारा डाले गए वोटों में से लिज ट्रस को 81,326 और ऋषि सुनक को 60,399 वोट मिले थे। उस दौरान उन्होंने देश को सभी संकटों से बाहर निकालने का वादा किया था।