क्या वुहान लैब से लीक हुआ कोरोना वायरस, क्या कहती हैं हालिया रिपोर्ट्स?
एक साल से अधिक समय से पूरी दुनिया कोरोना वायरस के प्रकोप का सामना कर रही है, लेकिन अभी तक पता नहीं चला है कि यह महामारी फैलाने वाला SARS-CoV-2 वायरस कहां से आया था। कुछ लोग यह कह रहे हैं कि पशुओं के जरिये यह इंसानों में पहुंचा और कुछ कह रहे हैं कि यह चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था। आइये, जानते हैं कि हालिया रिपोर्ट्स इस संबंध में क्या कहती हैं।
जो बाइडन का बयान है प्रमुख
हालिया दिनों में कुछ रिपोर्ट्स और बयान ऐसे आए हैं, जो लैब से वायरस लीक होने की बात की तरफ इशारा करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का बयान इनमें प्रमुख है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और खुफिया एजेंसियों से 90 दिनों के भीतर लैब से वायरस लीक होने का दावा करने वाली रिपोर्ट्स के संबंध में फॉलो-अप मांगा है। उन्होंने इस संबंध में मौजूद सूचनाओं के विश्लेषण को कहा है ताकि किसी ठोस नतीजे के करीब पहुंचा जा सके।
WHO वायरस का स्त्रोत क्या मानता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोना के स्त्रोत का पता नहीं चला है। हालांकि, संगठन के विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस बात की संभावना बेहद कम है कि कोरोना वायरस लैब से लीक हुआ था। बूमलाइव के अनुसार, इसके बाद संगठन के प्रमुख डॉ टेड्रोस ने कहा था कि इस दिशा में और जांच की जरूरत है और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यह वायरस लैब से लीक हुआ था।
लैब से लीक होने की संभावना को बल कब मिला?
इस साल की शुरुआत के बाद से ही उन संभावनाओं को काफी बल मिला है, जिनके अनुसार कोरोना वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से लीक हुआ था। दरअसल, इस साल जनवरी में जो बाइडन के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ट्रंप प्रशासन ने एक 'पब्लिक फैक्ट शीट' जारी की थी। इसमें वायरस के स्त्रोत और WHO की जांच पर कई संदेह व्यक्त किए गए थे। इसके अलावा भी इसमें कई बातें लिखी गई थीं।
फैक्ट शीट में क्या कहा गया?
ट्रंप प्रशासन की तरफ से जारी फैक्ट शीट के अनुसार, नवंबर, 2019 में WIV के कुछ वैज्ञानिक बीमार पड़ गए थे। यह कोरोना का पहला मामला दर्ज होने से पहले की घटना थी। नियमों के अनुसार, सरकार को WIV के वैज्ञानिकों को मीडिया से बात करनी की अनुमति देनी चाहिए थी, लेकिन चीन ने इन वैज्ञानिकों को ऐसी अनुमति नहीं दी। बाद में वॉल स्ट्रीट जर्नल ने भी इस दावे की विस्तृत पड़ताल की है।
लैब में चल रहा था कोरोना जैसे दूसरे वायरस पर शोध
फैक्ट शीट में लिखा गया था कि वुहान इंस्टीट्यूट में RaTG13 कोरोना वायरस पर शोध चल रहा था। जीनोम सीक्वेंसिंग में RaTG13 और SARS-CoV-2 में 96.2 प्रतिशत समानता पाई गई थी। यह इंस्टीट्यूट ऐसी रिसर्च के लिए जाना जाता है, जिसमें रोगाणुओं की जेनेटिक सरंचना में बदलाव किए जाते हैं। फैक्ट शीट में दावा किया गया था कि बाद में WIV ने बिना कोई सफाई दिए हुए RaTG13 को लेकर हो रहे शोध के सारे ऑनलाइन रिकॉर्ड हटा दिए थे।
WHO ने खारिज की थी वायरस लीक होने की संभावना
फरवरी में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और मार्च में जारी एक रिपोर्ट में WHO ने कहा कि SARS-CoV-2 का स्त्रोत अभी अज्ञात है। रिपोर्ट में कहा गया था कि चमगादड़ या पेंगोलिन इस वायरस का स्त्रोत हो सकता है। इसमें यह भी कहा गया था कि इस बात की भी संभावना है कि पैकेज्ड फूड के जरिये यह वायरस वुहान लाया गया हो। बाद में संगठन के प्रमुख ने और जांच की जरूरत बताई थी।
वैज्ञानिकों ने लिखा जांच के लिए पत्र
बीते महीने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट रविंद्र गुप्ता समेत 18 वैज्ञानिकों ने पत्र लिखकर कहा था कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए अभी और जांच की जरूरत है। इन 18 वैज्ञानिकों में शामिल स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड रेलमेन का कहना है कि लैब से वायरस लीक होने और जानवरों से इंसानों में आने की थ्योरी व्यवहारिक हैं और इसकी विस्तार से जांच होनी चाहिए।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की खबरों ने पुख्ता किया शक
23 और 24 मई को वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दो रिपोर्ट्स प्रकाशित की थीं, जिनसे इस संभावना को और बल मिला कि कोरोना वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था। 23 मई की रिपोर्ट में अखबार ने उस थ्योरी की विस्तार से पड़ताल की थी कि नवंबर, 2019 में WIV के कुछ कर्मचारी अस्पताल में भर्ती हुए थे और उनमें कोरोना वायरस जैसे लक्षण थे। चीन ने दुनिया को इसकी कोई जानकारी नहीं दी थी।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की दूसरी रिपोर्ट क्या थी?
अगले दिन की रिपोर्ट में वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा ने दक्षिण पश्चिम चीन में स्थित एक खदान की खबर प्रकाशित की थी। चमगादड़ों के कारण जमा हुई गंदगी को साफ करने इस खदान में गए छह कर्मचारी बीमार हो गए थे और उनमें से तीन की जान चली गई थी। इलाज के दौरान इन मरीजों को निमोनिया का गंभीर मामला बताया गया था। इसके बाद चीनी सरकार ने इस खदान में प्रवेश काफी मुश्किल कर दिया था।
चीन करता आया है आरोपों का खंडन
इसी संबंध में द बुलेटिन में भी एक खबर छपी थी, जिससे वायरस के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक होने के दावों को बल मिलता है। इस रिपोर्ट में वायरस की बनावट से लैब लीक के सवालों को जल्दबाजी में दबाने के प्रयासों तक के आधार पर कहा गया है कि इसके लैब निर्मित होने की संभावना ज्यादा है। दूसरी तरफ चीन शुरुआत से अब तक इन आरोपों का खंडन करता आया है।
चीन का इन आरोपों पर क्या कहना है?
वॉल स्ट्रीट की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका लैब से लीक को वायरस का स्त्रोत मानने को लेकर उतावला क्यों है? वह वायरस के स्त्रोत का पता लगाना चाहता है या दुनिया का ध्यान बंटाना चाहता है। इससे पहले वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की प्रमुख शोधकर्ता और 'बैट वूमेन' डॉ शी झेंगली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर दावा किया था कि यह वायरस उनकी लैब से लीक नहीं हुआ है।