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SCO समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने किया अफगानिस्तान का जिक्र, कहा- बढ़ती कट्टरता सबसे बड़ी चुनौती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन को संबोधित किया।

SCO समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने किया अफगानिस्तान का जिक्र, कहा- बढ़ती कट्टरता सबसे बड़ी चुनौती

Sep 17, 2021
01:19 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन की 21वीं बैठक के पूर्ण सत्र को संबोधित किया। इसमें उन्होंने अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि क्षेत्र में बढ़ती कट्टरता शांति, सुरक्षा और विश्वास की राह में सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। ऐसे में शिखर सम्मेलन को कट्टरपंथ और उग्रवाद से लड़ने के लिए एक साझा खाका विकसित करना चाहिए।

स्वागत

प्रधानमंत्री मोदी ने किया नए साझेदारों का स्वागत

SCO बैठक में चीन और रूस के राष्ट्रपति के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा इस साल SCO की 20वीं वर्षगांठ मनाई जा रही हैं और ख़ुशी की बात है कि इस शुभ अवसर पर इसके साथ नए मित्र जुड़ रहे है। वह ईरान का SCO के नए साझेदार देश के रूप में स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि वह तीनों नए डायलॉग पार्टनर्स-सऊदी अरब, इजिप्‍ट और कतर का भी स्वागत करते हैं।

चुनौती

मध्य एशिया क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विश्‍वास की कमी बड़ी चुनौती- मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "मध्‍य एशिया के क्षेत्र मे सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्‍वास की कमी है। इन समस्‍याओं का मूल कारण बढ़ती हुई कट्टरपंथ है और इसके खिलाफ साझा रणनीति की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान में घटित हुए हाल ही के घटनाक्रम ने इस चुनौती को और स्पष्ट कर दिया है। SCO को इस्लाम से जुड़े उदारवादी, सहिष्णु तथा एवं समावेशी संस्थानों के बीच मजबूत सम्पर्क विकसित करने के लिए काम करना चाहिए।"

आवश्यक

"युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए भी जरूरी है कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई केवल क्षेत्रीय सुरक्षा और विश्वास के लिए ही जरूरी न होकर युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए भी आवश्यक है। हमारा मानना है कि लैंड लॉक्ड मध्य एशियाई देशों को भारत के बाज़ार से जुड़ कर बड़ा लाभ हो सकता है।" उन्होंने कहा, "कनेक्टिविटी की कोई भी पहल वन वे स्ट्रीट नहीं हो सकती। आपसी विश्वास सुनिश्चित करने के लिए कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स को कंसल्टिव, पारदर्शी और भागीदारी वाला होना चाहिए।"

तारीफ

उदारवादी और प्रगतिशील संस्कृति का गढ़ रहा है मध्य एशियाई क्षेत्र- मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मध्य एशियाई क्षेत्र उदारवादी, प्रगतिशील संस्कृति और मूल्यों का गढ़ रहा है। सूफीवाद जैसी परम्पराएं यहां सदियों से पनपी और पूरे विश्व में फैलीं। इनकी छवि हम आज भी इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में देख सकते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "भारत में और SCO के लगभग सभी देशों में, इस्लाम से जुड़ा उदारवाद और परम्पराएं हैं। SCO को इनके बीच एक मजबूत नेटवर्क विकसित करने के लिए काम करना चाहिए।"

बैठक

शिखर सम्मेलन के बाद होगी संपर्क बैठक

शिखर सम्मेलन के बाद संपर्क बैठक (आटउरिच) होगी। इस दौरान अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि इसके अलावा क्षेत्रीय सुरक्षा, सहयोग और संपर्क सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी। इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे और वह पहले से ही दुशांबे में मौजूद हैं। बता दें कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के साथ सहयोग को मजबूत करना है।