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    कश्मीर मुद्दे में कोई दखल नहीं देगा तालिबान, भारत से चाहते हैं अच्छे संबंध- हक्कानी
    तालिबान के हक्कानी नेटवर्क के शीर्ष नेता अनस हक्कानी ने कही कश्मीर मुद्दे पर दखल नहीं देने की बात।

    कश्मीर मुद्दे में कोई दखल नहीं देगा तालिबान, भारत से चाहते हैं अच्छे संबंध- हक्कानी

    लेखन भारत शर्मा
    Sep 01, 2021
    03:00 pm

    क्या है खबर?

    तालिबान के हक्कानी नेटवर्क के शीर्ष नेता अनस हक्कानी ने बुधवार को साफ किया कि हक्कानी नेटवर्क का कश्मीर मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है।

    CNN-News18 को दिए साक्षात्कार में उन्होंने पाकिस्तान के ISI के साथ हक्कानी नेटवर्क के संबंधों और भारत पर विचारों को स्पष्ट किया।

    हक्कानी का यह बयान भारत और तालिबान के बीच मंगलवार को दोहा में हुई वार्ता के बाद सामने आया है। इसके कई अहम मायने हैं।

    कश्मीर

    "कश्मीर नहीं है हमारा अधिकार क्षेत्र"

    हक्कानी ने स्पष्ट किया, "कश्मीर उनके अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं है और इस तरह का कोई भी हस्तक्षेप पूरी तरह से उनकी नीति के खिलाफ होगा। हम अपनी नीति के खिलाफ कैसे जा सकते हैं? यह स्पष्ट है कि हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे।"

    उन्होंने यह भी दोहराया कि हक्कानी जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी समूहों का समर्थन नहीं करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि तालिबान भारत के साथ अच्छे संबंध चाहता है।

    पाकिस्तान

    "हक्कानियों के पाकिस्तानी सेना से घनिष्ठ संबंध बताना मीडिया का प्रचार"

    पाकिस्तान की सेना के साथ अपने संबंधों पर हक्कानी ने कहा कि यह केवल मीडिया द्वारा फैलाई गई अफवाह है।

    उन्होंने कहा, "दुनिया भर में और विशेष रूप से भारत में मीडिया हमारे बारे में नकारात्मक प्रचार कर रहा है।"

    उन्होंने कहा, "युद्ध में कभी किसी पाकिस्तानी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया गया। ये आरोप गलत और निराधार हैं।"

    उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान स्थिति में तालिबान बाकी दुनिया के साथ अच्छे संबंध चाहता है।

    अन्य बयान

    हक्कानी ने और क्या कहा?

    बाकी दुनिया के प्रति तालिबान की नीति के बारे में बात करते हुए हक्कानी ने कहा, "हम दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे और हम उम्मीद करते हैं कि दूसरे भी हमारे मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।"

    महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि पुरुषों और महिलाओं के लिए नीतियां घोषित होने के बाद चीजें पारदर्शी हो जाएंगी। नई सरकार को लेकर जल्द ही 'अच्छी खबर' की घोषणा की जाएगी।

    जानकारी

    हक्कानी ने टाला डूरंड रेखा को स्वीकार किए जाने का सवाल

    यह पूछे जाने पर कि क्या तालिबान डूरंड रेखा को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक स्थायी सीमा के रूप में स्वीकार करेगा, तो हक्कानी ने कहा, "मैं अभी कुछ भी पुष्टि नहीं कह सकता। हमारे वरिष्ठ इसे तय करेंगे और घोषणा करेंगे।"

    अफगानिस्तान

    अफगान सिख और हिंदू पूरी तरह सुरक्षित- हक्कानी

    हक्कानी ने यह भी आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान में अफगान सिख और हिंदू पूरी तरह से सुरक्षित हैं। शुरुआत में कुछ घबराहट और डर था, लेकिन अब चीजें ठीक हो गई हैं और लोग खुश हैं। अफगान सिख और हिंदू अफगानिस्तान के किसी भी अन्य समुदाय की तरह हैं और वे खुशी से रहेंगे।

    उन्होंने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान के लोगों का समर्थन करने के लिए भारत और बाकी दुनिया का स्वागत करता है।

    वार्ता

    भारत ने मंगलवार को तालिबान के साथ पहली राजनयिक वार्ता

    भारत ने मंगलवार को कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के साथ अपना पहला राजनयिक संपर्क स्थापित किया।

    यह बैठक कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल और तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई के बीच हुई थी। भारत ने कथित तौर पर आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान के क्षेत्र के उपयोग पर चिंता जताई।

    स्तानिकजई ने भारत को आश्वासन दिया कि इन मुद्दों को सकारात्मक रूप से हल किया जाएगा।

    जानकारी

    आखिर क्या है हक्कानी नेटवर्क?

    हक्कानी नेटवर्क एक आतंकवादी समूह है और इसकी स्थापना खूंखार आतंकी और अमेरिका के खास रहे जलालुद्दीन हक्कानी ने की थी।

    1980 के दशक में सोवियत सेना के खिलाफ उत्तरी वजीरिस्तान के इलाके में इस संगठन ने काफी सफलता भी पाई थी। कई अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि हक्कानी को अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) फंडिंग करती थी।

    इसके अलावा पाकिस्तान उसे हथियार और ट्रेनिंग देता था। उसे ISI का भी खास बताया जाता है।

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