
तेल की निर्भरता समाप्त करने की क्या है योजना? प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से बताया
क्या है खबर?
तेल को लेकर विश्व में तनाव है और सबसे अधिक दिक्कत उन देशों को हैं, जो दूसरे देशों पर तेल के लिए निर्भर हैं। इसलिए अमेरिका ने भी भारत पर रूस से तेल खरीदने के लेकर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 7वीं वर्षगांठ पर लाल किले से अपने भाषण में इसी मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि तेल के चलते भारत को काफी खर्च करना पड़ता है, इसलिए वे इसपर काम करेंगे।
ऊर्जा
सौर ऊर्जा से कम करेंगे निर्भरता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "ऊर्जा के क्षेत्र में हम सब जानते हैं, कि हम ऊर्जा के लिए बहुत सारे देशों पर निर्भर हैं, पेट्रोल हो, डीजल हो, गैस हो, लाखों करोड़ रुपए हमें खर्च करके लाना पड़ता है। हमें इस संकट से देश को आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है। हमने बीड़ा उठाया और आज 11 वर्ष में सौर ऊर्जा 30 गुना बढ़ चुकी है।" उन्होंने कहा कि अब प्राइवेट सेक्टर के लिए भी परमाणु ऊर्जा के द्वार खोल दिए हैं।
घोषणा
तेल और गैस के लिए विदेशों में जाता है काफी पैसा
प्रधानमंत्री ने कहा, "बजट का बहुत बड़ा हिस्सा यह पेट्रोल, डीजल, गैस लाने पर खर्च होता था। लाखों करोड़ रुपए चले जाते थे। अगर हम ऊर्जा में निर्भर ना होते तो वो धन नौजवानों, गरीबों, किसानों और गांव की परिस्थितियों को पलटने में काम आता, लेकिन हमें विदेशों को देना पड़ता था।" उन्होंने कहा, "अब हम तेल के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए समुद्र मंथन की तरफ भी जा रहे हैं।"
मिशन
शुरू की जाएगी नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारे समुद्र के मंथन को आगे बढ़ाते हुए, हम समुद्र के भीतर के तेल के भंडार, गैस के भंडार, उसको खोजने की दिशा में एक मिशन मोड में काम करना चाहते हैं और इसलिए भारत नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन शुरू करने जा रहा है। यह ऊर्जा इंडिपेंडेंट बनने के लिए यह हमारी महत्वपूर्ण घोषणा है।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत 2030 तक क्लीन एनर्जी के मामले में 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
जानकारी
भारत 85 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है
भारत अपनी ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के लिए 40 देशों पर निर्भर है। भारत 85 प्रतिशत से अधिक कच्चा तेल विदेशों से आयात करता है। इसमें सबसे अधिक हिस्सा रूस से लिया जाता है, उसके बाद इराक, सऊदी अरब और ईरान से लिया जाता है।