कोरोना की उत्पत्ति की जांच पर भारत ने किया WHO का समर्थन, बताया महत्वपूर्ण कदम
पूरी दुनिया में हाहाकार मचाने वाले कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर एक बार फिर से मुहिम तेज हो गई है। बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए फिर से जांच शुरू करने को कहा था। अब भारत ने भी इसका समर्थन किया है और इस तरह के अध्ययन के लिए चीन और अन्य पक्षों के सहयोग की मांग की। इससे चीन की तिलमिलाहट बढ़ गई है।
चीन के वुहान मे सामने आया था कोरोना संक्रमण का पहला मामला
कोरोना संक्रमण का पहला मामला 2019 के आखिरी दिनों में चीन के वुहान शहर में सामने आया था। उसके बाद यह धीरे-धीरे दुनिया के सभी देशों में पहुंच गया और इसने जमकर तबाही मचाई। यही कारण है कि वर्तमान में दुनियाभर में 16.87 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 35.06 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। दुनियाभर में अमेरिका, भारत, ब्राजील, फ्रांस, टर्की, रूस, यूनाइटेड किंगडम और इटली सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं।
चीन पर लगे थे वायरस की उत्पत्ति के आरोप
महामारी के दुनियाभर में फैलने के बाद चीन पर लापरवाही से इस वायरस को दुनियाभर में फैलाने के आरोप लगे थे। कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि कोरोना वायरस चमकादड़ पर परीक्षण के दौरान वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था। हालांकि, बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम ने जांच के बाद कहा था कि वायरस के किसी लैब से फैलने की आशंका बहुत कम है, लेकिन अभी और शोध की जरूरत है।
अमेरिकी खूफिया एजेंसियों के रिपोर्ट से उछला मुद्दा
हाल ही में अमेरिकी खूफिया एजेंसियों के हवाले से खबर आई थी कि वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरॉलजी के तीन सदस्य नवंबर में अस्पताल में भर्ती हुए थे और उनमें कोरोना जैसे लक्षण थे। इसके बाद अमेरिका ने इसकी फिर से जांच की मांग की है।
राष्ट्रपति बाइडन ने खूफिया एजेंसियों को दिया 90 दिन का समय
राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि खूफिया एजेंसियां दो संभावनाओं पर पहुंची है, लेकिन ठोस नतीजे नहीं हैं। एजेंसी के दो पक्षों का मानना है कि कोरोना वायरस जानवर से इंसानों में आया, जबकि एक पक्ष का मानना है कि यह लैब से फैला है। अधिकतर का मानना है कि किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए पर्याप्त सूचनाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एजेंसियों को अब मामले की जांच को तेज करते हुए 90 दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
अमेरिका के कदम पर खफा हुआ चीन
अमेरिकी राष्ट्रपति के जांच तेज करने के आदेश के बाद चीन बौखला गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिजियान ने कहा कि हो सकता है यह वायरस अमेरिका से फैला हो और इसके लिए अमेरिका को भी अपनी प्रयोगशालाओं को जांच के लिए खोलना चाहिए। उन्होंने कहा चीन ने मामले की जांच में WHO की पूरी मदद की और WHO की अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम 14 जनवरी से 10 फरवरी तक वुहान में गहन जांच कर चुकी है।
वायरस की उत्पत्ति के मामले में राजनीति कर रहा बाइडन प्रशासन- लिजियान
प्रवक्ता लिजियान ने कहा, "बाइडन प्रशासन में कुछ लोग 'तथ्यों' की बात करते हैं मगर हकीकत में वह चीजों को राजनीतिक रूप से तोड़-मरोड़कर पेश करना चाहते हैं। जब भी महामारी का विषय उठता है तो वह चीन पर हमला करने लग जाते हैं।"
भारत ने किया कोरोना की उत्पत्ति की जांच का समर्थन
भारत ने कोरोना की उत्पत्ति को लेकर WHO की अगुवाई में शुरू हुए वैश्विक अध्ययन को पहला महत्वपूर्ण कदम बताते अगला चरण शुरू करने की आवश्यकता बताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि WHO द्वारा कोरोना की उत्पत्ति के बारे में वैश्विक अध्ययन पहला महत्वपूर्ण कदम है। यह इस बारे में ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने एवं आगे और आंकड़े जुटाने के लिये अगले चरण के अध्ययन की जरूरत को रेखांकित करता है।
भारत ने की अध्ययन में सभी से सहयोग की अपील
प्रवक्ता बागची ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर WHO की रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई और आगे का अध्ययन बहुत जरूरी है। ऐसे में इसमें सभी देशों के सहयोग और समझ की जरूरत है। इसके बाद भी कोरोना की उत्पत्ति को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। बता दें अमेरिका के मामले की जांच पर जोर देने के बाद अब भारत के भी इसका समर्थन करने से चीन बौखला रहा है।