पाकिस्तान के लिए भारतीय सेना की जासूसी करने के आरोप में एक जवान समेत दो गिरफ्तार
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विस इंटेलीजेंस (ISI) के लिए जासूसी करने और उसे भारतीय सेना के गोपनीय दस्तावेज पहुंचाने के आरोप में एक जवान समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सैन्य मुख्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि जिन दस्तावेजों को जब्त किया है, वे खुफिया थे। पकड़े गए आरोपियों में से एक के पाकिस्तान के सिंध में रिश्तेदार रहते हैं और वहीं पर उसका संपर्क ISI से हुआ था।
पोखरण स्थित सैन्य कैंप में सब्जियां सप्लाई करता था आरोपी
आधिकारिक बयान के अनुसार, 34 वर्षीय आरोपी हबीबुर रहमान राजस्थान के पोखरण स्थित सैन्य कैंप में सब्जियां सप्लाई करता था और उसके पास इसका ठेका था। उसकी पहुंच सेना की रसोई तक थी और वह कुछ महीने पहले ही जांच के दायरे में आया था। दरअसल, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली थी कि एक जासूसी नेटवर्क के लिए ISI को संवेदनशील सूचना भेजी जा रही है और इसमें हबीबुर रहमान नामक शख्स शामिल है।
छापे में रहमान के पास से खुफिया दस्तावेज बरामद
क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को पोखरण में छापा मार कर रहमान को गिरफ्तार किया और उसके पास से सेना के खुफिया और संवेदनशील दस्तावेज बरामद हुए। पूछताछ के दौरान रहमान ने बताया कि परमजीत नामक सेना का एक जवान उसे खुफिया दस्तावेज देता था और वह ये दस्तावेज पाकिस्तान भेजता था। परमजीत पहले पोखरण में ही तैनात था और यहीं पर उसका रहमान से संपर्क हुआ था। अभी वह आगरा कैंट में तैनात थे।
सिंध में रहते हैं रहमान के रिश्तेदार
पुलिस के अनुसार, रहमान के कुछ संबंधी पाकिस्तान के सिंध में रहते हैं और जब वो उनसे मिलने पाकिस्तान गया था, तभी उसकी मुलाकात ISI के लोगों से हुई। इन लोगों ने रहमान से सेना के दस्तावेज साझा करने को कहा और इसके लिए हवाला से पैसा भेजा गया। पैसे के लेनदेन के लिए इस्तेमाल किए गए कई बैंक अकाउंट्स को भी जब्त कर लिया गया है और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।
ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत दर्ज किया गया मामला
मामले से संबंधित एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए हैं और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस को मामले में अन्य लोगों के शामिल होने का शक भी है।
जासूसी के आरोप में पहले भी पकड़े जा चुके हैं कई जवान
बता दें कि पहले भी ISI के लिए जासूसी करने के लिए सेना के कई जवानों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से ज्यादातर जवानों को हनी ट्रैप के जरिए फंसाया जाता है और इसी कारण सेना में सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर सख्त नियम हैं। दिसंबर, 2019 में भी एक ऐसे ही जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ किया था और पाकिस्तान को सूचना प्रदान करने के लिए सात नौसैनिकों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।