UN में भारत ने दृढ़ता से की यूक्रेन युद्ध रोकने की अपील, स्थिति पर जताई चिंता
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर अब तक की सबसे तल्ख टिप्पणी करते हुए भारत ने गुरुवार को जोर देकर सशस्त्र संघर्ष समाप्त करने की अपील की और कहा कि स्थिति गहन चिंता का विषय है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जिस तरह यूक्रेन युद्ध आगे बढ़ रहा है, वह पूरे वैश्विक समुदाय के लिए चिंता का विषय है। इसका नतीजा निराश करने वाला है।
विदेश मंत्री ने दोहराई प्रधानमंत्री की बात
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत यह दृढ़ता से दोहरा रहा है कि सभी शत्रुताओं को खत्म कर दोबारा बातचीत और कूटनीति की मेज पर लौटने की जरूरत है। जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा था कि यह युद्ध का दौर नहीं हो सकता। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई बैठक में कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है।
जायज नहीं ठहराया जा सकता मानवाधिकारों का उल्लंघन- जयशंकर
संयुक्त राष्ट्र (UN) में 15 सदस्यीय परिषद को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि संघर्ष की स्थिति में भी मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन को जायज नहीं ठहराया जा सकता। जहां भी ऐसी गतिविधियां होती हैं, उनकी निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक दुनिया में संघर्ष के परिणाम दूर के क्षेत्रों में भी असर डालते हैं और यह अनाज, फर्टिलाइजर और ईंधन की कमी के तौर पर महसूस किया जा सकता है।
यूक्रेनी प्रधानमंत्री से मिले जयशंकर
बुधवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मायहल से मुलाकात कर उन्हें भारत के सैद्धांतिक रूख से अवगत कराया था। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत चाहता है कि सभी शत्रुताएं खत्म हों और बातचीत के जरिये इसका समाधान निकाला जाए। बता दें कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने भाषण में UNSC में भारत के साथ-साथ जापान, ब्राजील, जर्मनी और यूक्रेन को स्थायी सदस्यता देने का समर्थन किया है।
भारत ने अभी तक नहीं की है रूस की निंदा
भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की निंदा नहीं की है। हालांकि, कई मौकों पर दिल्ली ने यह अपील की है कि मौजूदा संकट को कूटनीति और बातचीत के सहारे ही सुलझाया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्तावों से भारत ने खुद को दूर रखा था। हालांकि, हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से युद्ध रोकने की अपील करते हुए कहा था कि यह युद्ध का दौर नहीं है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था और तभी से दोनों देशों में युद्ध जारी है। रूस ने शुरूआत में यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करने की कोशिश की थी, लेकिन इसमें नाकाम रहने के बाद उसने पूर्वी यूक्रेन स्थित डोनबास के दोनेत्स्क और लुगांस्क इलाकों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। युद्ध में दोनों तरफ के हजारों सैनिक मरे हैं और यूक्रेन के लगभग 60 लाख लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा है।