भारत का रूस से तेल का आयात रिकॉर्ड स्तर पर, एक साल में 33 गुना बढ़ा
भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है और पिछले एक साल में देश में रूस से कच्चे तेल का आयात 33 गुना बढ़ा है। वोर्टेक्सा लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार, कच्चे तेल के दुनिया के तीसरे सबसे बड़े आयातक भारत ने दिसंबर में रूस से प्रतिदिन औसतन 12 लाख बैरल की खरीदारी की। यह आंकड़ा नवंबर की तुलना में 29 प्रतिशत अधिक है।
भारत ने रूस से कब कितना बैरल तेल आयात किया?
आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने पिछले साल नवंबर में रूस से कच्चे तेल के 9,09,403 बैरल प्रतिदिन आयात किए थे, वहीं अक्टूबर, 2022 में रूस से 9,35,556 बैरल प्रतिदिन आयात किए गए। इससे पहले जून, 2022 में रूस से कच्चे तेल के आयात का रिकॉर्ड बना था। तब भारत ने रूस से कच्चे तेल के 9,42,694 बैरल प्रतिदिन खरीदे थे।
यूक्रेन युद्ध के बाद रूस से बढ़ा तेल का आयात
यूक्रेन युद्ध के बाद भारत के रूस से तेल आयात करने में काफी वृद्धि हुई है। वर्तमान में भारत के कच्चे तेल के कुल आयात में रूस की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत हो गई है, जबकि अफ्रीकी देशों से आयात किए जाने वाले कच्चे तेल की हिस्सेदारी मार्च, 2022 में 14.5 प्रतिशत से घटकर अप्रैल में छह प्रतिशत रह गई। अमेरिका की हिस्सेदारी आधी होकर मात्र तीन प्रतिशत हो गई। ईराक और सऊदी अरब अन्य बड़े सप्लायर हैं।
भारत ने और किन देशों से कितना तेल आयात किया?
वोर्टेक्सा लिमिटेड के मुताबिक, भारत ने पिछले साल दिसंबर में इराक से कच्चे तेल के 8,03,228 बैरल प्रतिदिन आयात किए, जबकि सऊदी अरब से 7,18,357 बैरल प्रतिदिन आयात हुए। दिसंबर में ही संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भारत का चौथा सबसे बड़ा सप्लायर देश बन गया। भारत ने दिसंबर में UAE से कच्चे तेल के 3,23,811 बैरल प्रतिदिन आयात किए, जबकि अमेरिका से 3,22,015 बैरल प्रतिदिन आयात किए गए।
कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है रूस
रूस अमेरिका और सऊदी अरब के बाद दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और वह रोजाना करीब 50 लाख बैरल कच्चे तेल का निर्यात करता है। इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा यूरोप को सप्लाई होता है। वहीं भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खपत करने वाला और आयात करने वाला देश है। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है।