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भारत की ये 5 जगह हैं बेहद रहस्यमयी, वैज्ञानिकों के लिए भी बनी हुई हैं पहेली
भारत की रहस्यमयी जगहें

भारत की ये 5 जगह हैं बेहद रहस्यमयी, वैज्ञानिकों के लिए भी बनी हुई हैं पहेली

लेखन अंजली
May 23, 2023
08:19 pm

क्या है खबर?

भारत सबसे रहस्यमयी देशों की सूची में उच्च स्थान पर है। यहां के कई रहस्य अभी भी सुलझे नहीं हैं और वैज्ञानिकों के लिए भी पहेली बने हुए हैं। फिर चाहें राजस्थान का करनी माता मंदिर हो या उत्तराखंड की कंकाल झील, भारत ऐसे ही कई रहस्यमयी जगहों का घर बना हुआ है। आइए आज हम आपको भारत की 5 रहस्यमयी जगहों के बारे में बताते हैं।

#1

करणी माता मंदिर

राजस्थान में स्थित बीकानेर का यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है, जो देवी दुर्गा के अवतारों में से एक करणी माता का है, लेकिन इसे चूहों का मंदिर भी कहा जाता है। इसका मुख्य कारण है कि इस मंदिर में 25,000 से भी ज्यादा चूहे हैं, जो पर्यटकों के ध्यान को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन चूहों द्वारा खाया गया भोजन अत्यंत पवित्र हो जाता है।

#2

भानगढ़ किला 

ऐतिहासिक खंडहरों और कई कहानियों के लिए प्रसिद्ध भानगढ़ किला सबसे रोमांचक जगह है। किले के पीछे चाहे जो भी कहानी हो, यह भारत के सबसे दिलचस्प रहस्यमयी स्थानों में से एक है। यह जयपुर और दिल्ली के बीच रास्ते में स्थित है। भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में स्थित 17वीं शताब्दी का किला है। पर्यटकों को सूर्यास्त के बाद इस किले में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।

#3

रूपकुंड झील

इस झील की खोज 1942 में एक ब्रिटिश फॉरेस्ट रेंजर ने की थी और यह उत्तराखंड के सबसे ऊंचे पहाड़ों में से एक पर स्थित है। रूपकुंड को कंकाल झील के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसमें भयानक कंकाल निकलते हैं। झील में पाए गए अवशेषों का कई सालों तक परीक्षण किया गया, लेकिन इनके परिणाम कभी समझ में नहीं आते हैं।

#4

मैग्नेटिक हिल

मैग्नेटिक हिल लद्दाख से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है। समुद्र तल से 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस पहाड़ी पर चुंबकीय प्रभाव मौजूद है, जो स्थिर कारों को लगभग 20किमी/घंटे की गति से ऊपर की तरफ खींचता है। ऐसे में इस पहाड़ी क्षेत्र में अपनी कार के साथ यात्रा करना एक अलग अनुभव हो सकता है। पहाड़ के चुंबकीय प्रभाव से बचने के लिए यहां से उड़ने वाले हवाई जहाजों को अधिक ऊंचाई पर उड़ाया जाता है।

#5

लोनार झील

वैज्ञानिकों का मानना है 35,000-50,000 वर्ष पहले करीब 10 लाख टन वजनी एक उल्का पिंड के टकराने से महाराष्ट्र में यह झील बनी थी। पहले इसका पानी हरे रंग का हुआ करता था, जो अब समय-समय पर बदलता रहता है। लोनार झील का रहस्य जानने में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा से लेकर दुनिया की तमाम एजेंसियां कई वर्षों से शोध कर रही हैं, जिसके दौरान यह भी पता लगा है कि यह रासायनिक गुणों से भरपूर है।