युवराज सिंह का करियर खत्म करने में विराट कोहली का हाथ, इस पूर्व खिलाड़ी का दावा
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने कैंसर को मात देकर टीम में वापसी करने वाले युवराज सिंह के अंतरराष्ट्रीय करियर को छोटा करने के लिए विराट कोहली को जिम्मेदार ठहराया है।
उनके अनुसार युवराज ने कुछ फिटनेस रियायतों का अनुरोध किया था, जिसे तत्कालीन भारतीय कप्तान ने अस्वीकार कर दिया था।
युवराज महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम को 2 विश्व कप जीता चुके हैं। 2011 विश्व कप के बाद उन्हें कैंसर की समस्या हुई थी।
बयान
उथप्पा ने क्या कहा?
द लल्लनटॉप पर दिए गए एक साक्षात्कार में उथप्पा ने कहा, "युवी पा का उदाहरण लीजिए। उन्होंने कैंसर को हराया और इसके बाद अंतरराष्ट्रीय टीम में वापसी की। वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने हमें 2 विश्व कप जीताने में अहम भूमिका निभाई। आप वैसे खिलाड़ी के लिए कप्तान बनने के बाद कहते हैं कि उसके फेफड़ों की क्षमता कम हो गई है। उन्होंने जीवन की सबसे कठिन चुनौती पार कर ली। उसके आप थोड़ी राहत तो दे ही सकते थे।"
खुलासा
उथप्पा ने किया बड़ा खुलासा
उथप्पा के अनुसार, युवराज ने फिटनेस टेस्ट में अंक काटने की मांग की थी, लेकिन प्रबंधन ने उन्हें रियायत नहीं दी।
हालांकि, वह टेस्ट पास करने में सफल रहे और इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन से पहले वापसी भी की थी, लेकिन इसके बाद वह कभी नहीं खेले।
उन्होंने कहा, "नेतृत्व समूह में जो भी था, उसने युवराज को टीम में शामिल नहीं किया। कोहली नेतृत्वकर्ता थे और उनके मजबूत व्यक्तित्व के कारण सब उनके अनुसार ही हुआ।"
कप्तानी
कोहली की कप्तानी को लेकर क्या बोले उथप्पा?
कोहली की कप्तानी के बारे में उथप्पा ने कहा, "कोहली की कप्तानी शैली बहुत अलग थी। आपको उनके स्तर तक पहुंचने की जरूरत थी। चाहे वह फिटनेस हो, चाहे वह खाने की आदतें हों, चाहे वह सुनना हो या फिर सहमत होना हो। यह सब उस मानक पर होना चाहिए था।"
युवराज ने साल 2019 में संन्यास ले लिया था। हाल ही में इस दिग्गज ने कोहली के खराब फॉर्म को लेकर हो रही आलोचना पर उनका साथ दिया था।
तुलना
रोहित से कोहली की तुलना पर क्या बोले उथप्पा?
दोनों खिलाड़ियों की तुलना करते हुए उथप्पा ने कहा, "दो अलग-अलग तरह के नेता होते हैं। एक नेता जो कहते हैं कि यह आवश्यक मानक है (कोहली के लिए) और दूसरे नेता जो कहते हैं, मैं वहां आपसे मिलूंगा और आपको उस मानक तक ले जाऊंगा(रोहित के लिए) जिस पर मुझे आपकी जरूरत है। दोनों काम करते हैं और दोनों को परिणाम मिलते हैं, लेकिन कर्मियों पर प्रभाव अलग-अलग होगा। ऐसे में एक धड़ा बहुत निराश महसूस करता है।"