मानसिक संघर्ष पर बोले टिम पेन- रोता रहता था और नींद भी नहीं आती थी
क्या है खबर?
बीते कुछ समय से कई क्रिकेटर्स ने मानसिक समस्या से जूझने को लेकर खुलकर बातचीत की है।
इन खिलाड़ियों की लिस्ट में अब ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान टिम पेन का नाम भी जुड़ गया है।
पेन ने 'Bounce Back' पोडकास्ट पर बताया कि 2010 में करियर खत्म कर सकने वाली चोट के कारण वह बहुत डरे हुए थे।
उन्होंने यह भी कहा कि वह रोते रहते थे और सही से सो और खा भी नहीं पाते थे।
क्या आप जानते हैं?
2010 में पेन की अंगुली में लगी थी भयानक चोट
2010 में एक चैरिटी मैच के दौरान डर्क नैनेस की गेंद ने पेन के इंडेक्स फिंगर को तोड़ दिया था। इस चोट के कारण पेन को सात सर्जरी, आठ पिन, एक मेटल प्लेट और हिप बोन के एक टुकड़े की मदद लेनी पड़ी।
खुलासा
दोबारा चोट लगने के डर से खत्म हो गया आत्मविश्वास- पेन
पेन ने बताया कि चोट से उबरने के बाद जब उन्होंने दोबारा खेलना शुरु किया तो तेज गेंदबाजों के सामने उन्हें डर लगता था कि कहीं फिर से उसी अंगुली पर गेंद नहीं लगे।
उन्होंने कहा, "गेंद को हिट करने की बजाय मुझे अंगुली पर चोट लगने की चिंता रहती थी। इसके बाद से चीजें लगातार खराब हुई। मेरा आत्मविश्वास खत्म हो गया। मुझे डर भी लगता था और समझ भी नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है।"
व्यक्तिगत जीवन
ढंग से खाना और सोना भी खत्म हो गया था- पेन
पेन ने बताया कि इस डर ने उनके व्यक्तिगत जीवन को भी प्रभावित किया और वह ढंग से खा और सो नहीं पा रहे थे।
उन्होंने आगे कहा, "मैचों से पहले मैं काफी नर्वस होता था और मेरे अंदर कोई एनर्जी नहीं होती थी। मेरे साथ रहना काफी मुश्किल था। मैं अपनी पार्टनर जो अब मेरी पत्नी हैं के साथ काफी साधारण था। मैं हमेशा गुस्सा रहता था। मैं जो बन गया था उसे लेकर शर्म महसूस कर रहा था।"
क्रिकेट साइकोलॉजिस्ट की मदद
क्रिकेट साइकोलॉजिस्ट की मदद से उबर सका- पेन
पेन ने बताया कि क्रिकेट तस्मानिया के एक क्रिकेट साइकोलॉजिस्ट के साथ 20 मिनट बिताने के बाद ही उन्हें काफी अच्छा महसूस हुआ।
उन्होंने कहा, "इस मुश्किल से निकलने का पहला तरीका था कि मुझे स्वीकार करना था कि वास्तव में मुझे मदद की जरूरत है। मुझे पूरी तरह उबरने में छह महीनों का समय लगा, लेकिन मुझे याद है कि पहली मीटिंग के बाद रूम से निकलते ही मुझे अच्छा महसूस हुआ था।"
पेन का करियर
2018 में पेन के करियर को मिली नई उड़ान
2009 में इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले पेन का करियर चोटों से भरा रहा और बहुत ज़्यादा सफल नहीं हो सका।
2018 में ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान बनने से पहले तक पेन केवल 12 टेस्ट, 35 वनडे और 12 टी-20 खेल सके थे।
उन्होंने अब तक 31 टेस्ट में 1,331, वनडे में 890 और टी-20 में 82 रन बनाए हैं।
पेन की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने 19 में से 10 टेस्ट जीते और छह हारे हैं।