बॉल-टेंपरिंग मामले पर अंपायर इयान गोल्ड का खुलासा, कहा- उस गेंद पर नहीं लगी थी सैंडपेपर
2018 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर केपटाउन टेस्ट में हुआ बॉल-टेंपरिंग विवाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट पर बड़ा धब्बा बन गया। इस विवाद के बाद स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरुन बैंक्रॉफ्ट पर बैन भी लगाया गया था। उस मुकाबले में टीवी अंपायर की भूमिका निभा रहे इयान गोल्ड ने अब बड़ा खुलासा किया और कहा है कि उस गेंद पर सैंडपेपर नहीं लगी थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन गेंदों को देखकर आप समझ नहीं पाएंगे कि क्या हुआ था।
गेंदों को देखकर नहीं समझ आएगा ड्रामा- गोल्ड
गोल्ड ने यह भी बताया कि उस टेस्ट में इस्तेमाल हुई गेंदों को उन्होंने आज भी संभालकर रखा है, लेकिन यह भी कहा कि गेंदों को देखने पर आपको यह नहीं पता चलेगा कि वहां क्या ड्रामा हुआ था। उन्होंने कहा, "यदि आप गेंद को देखेंगे तो आप इसे गलत तरीके से लेंगे। सैंडपेपर का गेंद पर प्रभाव नहीं था। वें गेंद की एक साइड को बड़ा और चमकीला बनाना चाहते थे और इसके बाद सैंडपेपर आने वाला था।"
बॉल-टेंपरिंग से 2-3 साल पहले ही कंट्रोल से बाहर हो गई थी ऑस्ट्रेलिया- गोल्ड
पिछले साल विश्व कप 2019 के बाद अंपायरिंग को अलविदा कहने वाले पूर्व इंग्लिश अंपायर इयान गोल्ड ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम कंट्रोल से बाहर हो चुकी थी। उन्होंने कहा, "यदि आप पीछे जाकर इसे देखते हैं तो इस विवाद से 2-3 साल पहले ही ऑस्ट्रेलिया कंट्रोल से बाहर हो गई थी, लेकिन तब इसका आशय ऐसी चीजों से नहीं था। तब वे बातचीत, व्यवहार और एक औसत इंसान की तरह थे।"
इस तरह हुआ था पूरा विवाद
केपटाउन टेस्ट के दौरान बैंक्राफ्ट को अपनी पैंट के अंदर एक सैंडपेपर डालते देखा गया। ड्रेसिंग रूम से हेडकोच डेरेन लेहमैन को भी इशारा करते हुए देखा गया था। इसके बाद पता चला था कि वह गेंद के साथ सैंडपेपर से छेड़छाड़ कर रहे थे। इस मामले में कप्तान स्टीव स्मिथ और उप-कप्तान डेविड वॉर्नर को भी संलिप्त पाया गया था। स्मिथ और वॉर्नर पर 1-1 साल तो वहीं बैंक्राफ्ट पर नौ महीने का बैन लगा था।
बैन के बाद कैसी रही खिलाड़ियों की वापसी?
12 महीनों का बैन झेलने के बाद वॉर्नर और स्मिथ ने इंडियन प्रीमियर लीग खेला जिसमें वॉर्नर का प्रदर्शन काफी शानदार रहा। इसके बाद दोनों खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया के लिए विश्व कप 2019 में भी अच्छा प्रदर्शन किया। एशेज 2019 में वॉर्नर का बल्ला खामोश रहा, लेकिन स्मिथ के बल्ले ने खूब आग उगला। लगातार ये खिलाड़ी नेशनल टीम का हिस्सा बने हुए हैं, लेकिन बैंक्रॉफ्ट के लिए वापसी कर पाना मुश्किल रहा है।