पूर्व सिलेक्टर चेयरमैन सैयद किरमानी ने बताया कैसे हुआ था धोनी का चयन
पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी भारत के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज हैं और उन्होंने भारत में विकेटकीपर के महत्व को बदलने का काम किया है। धोनी जब भारतीय टीम में आए थे तो उस समय 1983 विश्वकप विजेता विकेटकीपर सैयद किरमानी चयनकर्ता समिति के चेयरमैन थे। अब किरमानी ने हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ खास बातचीत के दौरान खुलासा किया है कि आखिर धोनी का सिलेक्शन किस तरह हुआ था। आइए जानें।
प्रनब रॉय ने मुझे धोनी के बारे में बताया- किरमानी
बातचीत के दौरान किरमानी ने कहा कि उन्होंने धोनी के चयन की स्टोरी का खुलासा अब तक नहीं किया है, लेकिन आज वह इसके बारे में बताएंगे। उन्होंने कहा, "मैं ईस्ट-जोन के साथी सिलेक्टर प्रनब रॉय के साथ रणजी मैच देख रहा था। प्रनब ने मुझे बताया कि झारखंड का एक विकेटकीपर बल्लेबाज है जिसके पास बहुत टैलेंट है और वह सिलेक्शन का हकदार है।" उस मैच में धोनी विकेटकीपिंग की बजाय फील्डिंग कर रहे थे।
विकेटकीपर्स के रोल में हो रहा था बदलाव
2000 की शुरुआत से ही एडम गिलक्रिस्ट, मार्क बाउचर और युवा कुमार संगाकार अपनी बल्लेबाजी के दम पर विकेटकीपर्स के रोल को बदलने का काम कर रहे थे। भारत के पास कुछ ऐसे विकेटकीपर्स थे जो विकेट के पीछे तो अच्छे थे, लेकिन बल्लेबाजी में उतने प्रभावशाली नहीं थे। अजय रात्रा, दीप दास गुप्ता और सबा करीम को आजमा चुकी भारतीय टीम पार्थिव पटेल और दिनेश कार्तिक के साथ आगे बढ़ रही थी।
बिना विकेटकीपिंग देखे ही दिया धोनी को सिलेक्ट करने का सुझाव- किरमानी
किरमानी ने आगे बताया, "मैंने धोनी के पिछले दो साले के आंकड़े देखे और उनकी बल्लेबाजी में कमाल की निरंतरता थी। उनकी विकेटकीपिंग देखे बिना ही मैंने सुझाव दिया कि उन्हें सीधे ईस्ट-जोन के लिए सिलेक्ट किया जाए और उसके बाद जो हुआ वह इतिहास है।" भारत के लिए डेब्यू के एक साल के अंदर ही धोनी ने वनडे में 183 रनों की पारी खेली जो किसी विकेटकीपर बल्लेबाज का सर्वोच्च स्कोर था।
धोनी का कप्तान बनना भारतीय क्रिकेट का ऐतिहासिक फैसला- किरमानी
किरमानी ने यह भी बताया कि धोनी को कप्तान बनाया जाना भारतीय क्रिकेट इतिहास का सबसे बेहतरीन फैसला था और उन्होंने साबित किया कि एक विकेटकीपर बल्लेबाज टीम के लिए यह कितना अहम होता है। उन्होंने कहा, "कप्तान और गेंदबाजों के लिए विकेटकीपर बेस्ट गाइड होता है। वह फील्ड सेट करने और बल्लेबाज की कमजोरी पहचानने के लिए बेस्ट पोजीशन में होता है। धोनी ने लोगों को गलत साबित किया कि कप्तान बनने से उनके प्रदर्शन पर प्रभाव आएगा।"
तीनों ICC खिताब जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं धोनी
2007 टी-20 विश्वकप, 2011 विश्वकप और 2013 चैंपियन्स ट्रॉफी जीतने वाले धोनी तीनो ICC खिताब जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं। इसके अलावा धोनी वनडे में छह नंबर पर सबसे ज़्यादा 4,164 रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। 350 वनडे में धोनी ने 50.58 की औसत के साथ 10,773 रन बनाए हैं। उन्होंने 90 टेस्ट में 4,876 और 98 टी-20 में 1,617 रन भी बनाए हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में उन्होंने 16 शतक, एक दोहरा शतक और 108 अर्धशतक लगाए हैं।