
SRH के असिस्टेंट कोच ब्रैड हैडिन ने बताया वॉर्नर को टीम से बाहर करने का कारण
क्या है खबर?
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के दौरान सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) द्वारा टीम से बाहर किए जाने को लेकर डेविड वॉर्नर ने काफी ज्यादा सुर्खियां बटोरी थी। लगातार लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा था कि आखिर वॉर्नर को क्यों टीम से बाहर किया गया।
टी-20 विश्व कप में अपने प्रदर्शन से वॉर्नर ने SRH कैंप को कड़ा जवाब भी दिया था। हालांकि, अब SRH के असिस्टेंट कोच ब्रैड हैडिन ने वॉर्नर के बारे में एक नया खुलासा किया है।
खुलासा
मैच प्रैक्टिस की कमी के कारण बाहर किए गए थे वॉर्नर- हैडिन
आउटलुक के मुताबिक हैडिन ने कहा कि वॉर्नर को प्लेइंग इलेवन से बाहर करने के पीछे क्रिकेट से जुड़ा हुआ कोई भी निर्णय नहीं था।
उन्होंने आगे कहा, "मेरे ख्याल से आपको एक चीज याद रखनी चाहिए की वॉर्नर फॉर्म से बाहर नहीं थे, बल्कि वह मैच प्रैक्टिस की कमी से जूझ रहे थे। वह जब आए थे तब बिल्कुल सही दिख रहे थे और गेंद को अच्छे से हिट कर रहे थे।"
ब्रेक
लगभग चार महीने तक क्रिकेट से दूर थे वॉर्नर
मई में कोरोना के मामले आने के कारण IPL के स्थगित होने के बाद वॉर्नर ने खुद को क्रिकेट से दूर कर लिया था। परिवार के साथ समय बिताने के लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए बांग्लादेश और वेस्टइंडीज के दौरे को भी मिस कर दिया था।
लगभग 4 महीने क्रिकेट से दूर रहने के बाद वॉर्नर सीधे IPL खेलने के लिए UAE पहुंचे थे। ऐसे में जाहिर सी बात है कि वॉर्नर के पास मैच प्रैक्टिस नहीं थी।
कारण
वॉर्नर को नहीं बताया गया है टीम से निकाले जाने का कारण
वार्नर के खराब फॉर्म और टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बीच IPL 2021 के पहले चरण में उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया था और कीवी खिलाड़ी केन विलियमसन को SRH के नेतृत्व की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद दूसरे चरण के आखिरी छह मैचों में उन्हें प्लेइंग इलेवन से भी बाहर रखा गया था।
इसको लेकर उन्होंने कहा था, "अभी भी SRH से उन्हें टीम से बाहर करने के ऊपर कोई स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं हुआ है।"
टी-20 विश्व कप
IPL में निराशा झेलने के बाद टी-20 विश्व कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने वॉर्नर
UAE लेग के दो मैचों को हटा दें तो वॉर्नर ने भारत में खेले गए छह मुकाबलों में 192 रन बनाए थे। कुल मिलाकर IPL 2021 में उन्होंने आठ मैचों में 195 रन बनाए थे।
SRH की डगआउट में भी जगह नहीं पाने वाले वॉर्नर ने टी-20 विश्व कप में दूसरे सबसे अधिक रन बनाए और मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को पहली बार टी-20 चैंपियन बनाया।