Page Loader
विपक्षी टीम कितनी भी मजबूत हो, सौरव गांगुली ने कभी कदम पीछे नहीं हटाए- सुनील गावस्कर

विपक्षी टीम कितनी भी मजबूत हो, सौरव गांगुली ने कभी कदम पीछे नहीं हटाए- सुनील गावस्कर

Jul 30, 2019
06:59 pm

क्या है खबर?

अपने समय के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक सुनील गावस्कर आज अपनी बेबाक बोली के लिए जाने जाते हैं। भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज़ गावस्कर मानते हैं कि सौरव गांगुली भारत के महानतम बल्लेबाज़ों में से एक हैं। उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी टीम कितनी भी मज़बूत ही क्यों न हो, गांगुली ही एकमात्र बल्लेबाज़ हैं, जिन्होंने कभी भी अपने कदम पीछे नहीं हटाए। साथ ही गावस्कर ने अनिल कुंबले को भी महान खिलाड़ी कहा। जानिए गावस्कर ने क्या कहा।

बातचीत

विपक्षी टीम कितनी भी मज़बूत क्यों ने हो गागुंली ने कभी कदम पीछे नहीं हटाए- गावस्कर

गावस्कर से जब पूछा गया कि क्या सहवाग अपने समय के महानतम बल्लेबाज हैं? तो गावस्कर ने कहा, "इस सदी की शुरुआत से ही भारत के पास कई दिग्गज बल्लेबाज रहे हैं। लेकिन इनमें सौरव गांगुली का नाम सबसे ऊपर रखना चाहूंगा।" उन्होंने आगे कहा, "विपक्षी टीम कितनी भी मज़बूत क्यों ने हो गागुंली ने कभी कदम पीछे नहीं हटाए। गांगुली की कप्तानी और उनकी बल्लेबाजी का चरम भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए महान दिन थे।"

बयान

एक खिलाड़ी के तौर पर अनिल कुंबले को कभी भूलना नहीं चाहिए- गावस्कर

गांगुली की प्रशंसा के बाद गावस्कर ने कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर अनिल कुंबले को कभी भूलना नहीं चाहिए। कुंबले ने भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। साथ ही वह ऐसा समय था जब एमएस धोनी खिलाड़ी के तौर पर उबर रहे थे।"

बातचीत

कमजोर हुक्मरानों की दया पर निर्भर है भारतीय क्रिकेट- गावस्कर

यह पूछेने पर कि क्या मौजूदा खिलाड़ी उस वैक्यूम का फायदा उठा रहे हैं, जो बोर्ड और कमजोर CoA के कारण पैदा हुआ है। इस पर गावस्कर ने कहा, "इससे दूसरे क्रिकेट बोर्ड को फायदा हो रहा है। जगमोहन डालमिया से पहले का BCCI कमजोर था। उस समय इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया का दबदबा था। इसके बाद BCCI मजबूत हुआ। शरद पवार और एन. श्रीनिवासन ने उसे और मजबूत किया, लेकिन अब भारतीय क्रिकेट कमजोर हुक्मरानों की दया पर निर्भर है।"

बातचीत

चयन समिति की भूमिका को लेकर काफी नाराज हैं सुनील गावस्कर

गावस्कर विश्व कप के दौरान और उसके बाद चयन समिति की भूमिका को लेकर काफी नाराज हैं। गावस्कर के मुताबिक एमएसके प्रसाद के नेतृत्व वाली चयन समिति कड़े फैसले नहीं ले पा रही है। साथ ही गावस्कर विराट कोहली को स्वाभाविक तौर पर कप्तान बनाए रखने पर भी गुस्सा हैं। गावस्कर ने कहा, "इससे यही सवाल उठता है कि या तो चयन समिति कप्तान कोहली के इशारे पर काम कर रही है या फिर कप्तान को खुश करने के लिए।"

बातचीत

गावस्कर ने बताया अपने करियर के सबसे निराशाजनक पल और अपनी बेस्ट टेस्ट पारी

अपने करियर के सबसे निराशाजनक पल और अपनी सबसे अच्छी टेस्ट पारी के बारे में पूछे जाने पर गावस्कर ने कहा, "भारत जब भी हारा है, मेरे करियर का निराशाजनक पल रहा है। खासतौर पर जब हम ऐसे मैचों में हारे, जिन्हें हम जीत सकते थे तो मुझे ज़्यादा निराशा हुई है।" उन्होंने आगे कहा, "जहां तक मेरी बेस्ट पारी का सवाल है तो 1971 में मैनचेस्ट में खेली गई अपनी 57 रनों की पारी को मैं श्रेष्ठ मानता हूं।"