
शार्दुल ठाकुर के घरेलू क्रिकेट शेड्यूल पर सवाल उठाने के बाद BCCI ने बनाई समीक्षा समिति
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने घरेलू क्रिकेट के शेड्यूल को लेकर एक समीक्षा समिति का गठन किया है।
18 मार्च को शीर्ष परिषद ने मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर, नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) के निदेशक वीवीएस लक्ष्मण, महाप्रबंधक अबे कुरुविला और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को इस समिति में शामिल किया है।
बता दें कि कुछ दिन पहले शार्दुल ठाकुर ने घरेलू शेड्यूल को लेकर कई सवाल उठाए थे।
ऐसे में आइए पूरी खबर पर नजर डालते हैं।
काम
क्या करेगी समिति?
दिग्गजों के साथ बनी समिति सबसे पहले घरेलू क्रिकेट पर मौसम के प्रभाव की समीक्षा करेगी। रणजी ट्रॉफी जो 10 मार्च को समाप्त हुई वह खराब मौसम से काफी प्रभावित रही थी।
खासकर पूर्वी और उत्तरी स्थानों पर खेले गए मैचों में काफी प्रभाव पड़ा था।
साथ ही यह समिति घरेलू क्रिकेट कैलेंडर की भी समीक्षा करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि खिलाड़ियों को बहुत जल्दी-जल्दी मुकाबले खेलने पड़ रहे हैं। ऐसे में उन्हें कुछ राहत मिल सके।
बयान
शार्दुल ने क्या कहा था?
शार्दुल मुंबई क्रिकेट टीम के लिए इस सीजन रणजी ट्रॉफी खेले थे। तमिलनाडु के खिलाफ उन्होंने अपने प्रथम श्रेणी करियर का पहला शतक भी जड़ा था।
इसी शतक के बाद उन्होंने टाइट शेड्यूल के बारे में अपनी बात रखी थी।
उनका कहना था कि 3 दिन के अंतराल के साथ बैक टू बैक मैच खेलना ठीक नहीं है। अगर ऐसे ही खिलाड़ी लगातार खेलते रहे तो चोटिल होने की संभावना काफी बढ़ जाएगी। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।
ऑलराउंडर
पहले के मैचों में मिलते थे ज्यादा ब्रेक
शार्दुल ने यह भी कहा था कि अगले साल BCCI को इसपर फिर से विचार करना चाहिए। रणजी ट्रॉफी के पुराने दिनों में शुरुआती 3 मैचों में 3 दिन का ब्रेक होता था।
इसके बाद 4 दिन का ब्रेक होता था। नॉकआउट मुकाबले से पहले खिलाड़ियों को 5 दिन का ब्रेक मिलता था।
इस सीजन मैंने देखा है कि सभी मैच 3 दिन के अंतराल पर ही खेले जा रहे हैं। हमारे खिलाड़ी इसी कारण ज्यादा चोटिल हो रहे हैं।
कोच
द्रविड़ ने दिया था शार्दुल के साथ
द्रविड़ ने इस बारे में कहा था कि भारतीय टीम में शामिल होने वाले कुछ खिलाड़ी व्यस्त शेड्यूल के बारे में शिकायत करते हैं।
ऐसे में उनकी शिकायतों पर ध्यान देने की जरूरत है। वह अपना शरीर दांव पर लगा रहे हैं।
हमें अपने शेड्यूल को सही करने के बारे में सोचना होगा। रणजी के अलावा दलीप ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी भी खेली जाती है। ऐसे में खिलाड़ी सोचने लगते हैं कि क्या सभी टूर्नामेंट इन दिनों में आवश्यक हैं।