आखिर क्यों पारी की पहली गेंद खेलने से बचते थे सचिन? आंकड़ों से समझें
हाल ही में पू्र्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने सचिन तेंदुलकर के बारे में एक बड़ा खुलासा किया था। गांगुली ने लंबे समय तक अपने ओपनिंग पार्टनर रहने वाले सचिन की पारी की पहली गेंद नहीं खेलने के पीछे का कारण बताया था। यदि आंकड़ों पर निगाह डालें तो भी समझ आता है कि तेंदुलकर पहली गेंद का सामना करते हुए सफल नहीं रहे हैं। आइए पहली गेंद से जुड़े तेंदुलकर के आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं।
गांगुली ने बताई थी सचिन के पहली गेंद नहीं खेलने का कारण
bcci.tv पर मयंक अग्रवाल के साथ बातचीत करते हुए गांगुली ने कहा था कि सचिन हमेशा पहली गेंद खेलने के लिए उन पर दबाव बनाते थे। गांगुली ने आगे कहा, "पहली गेंद का सामना नहीं करने का सचिन के पास दो जवाब था। पहला उन्हें लगता था कि यदि उनका फॉर्म अच्छा है तो उन्हें सबकुछ वैसा ही रखना चाहिए और दूसरा यदि फॉर्म खराब है तो नॉन-स्ट्राइकर रहकर दबाव कम किया जाए।"
1994 में शुरु की ओपनिंग, 1996 में पहली बार किया पहली गेंद का सामना
1994 में न्यूजीलैंड के खिलाफ सचिन को पारी की शुरुआत करने का मौका मिला था, लेकिन अगले दो सालों तक सचिन ने पारी की पहली गेंद का सामना नहीं किया। 1996 विश्वकप के दौरान सचिन ने दो बार पारी की पहली गेंद खेली जिसमें जिम्बाब्वे के खिलाफ तीन और श्रीलंका के खिलाफ 65 रनों की पारी खेली। एक महीने बाद श्रीलंका के खिलाफ पारी की पहली गेंद खेलने पर वह 28 के स्कोर पर आउट हुए।
केवल 49 बार सचिन ने किया है पहली गेंद का सामना
ओपनर के तौर पर 344 पारियां खेलने वाले तेंदुलकर ने केवल 49 बार ही पारी की पहली गेंद का सामना किया है। हालांकि, इस दौरान वह 36.11 की औसत के साथ केवल 1,625 रन ही बना सके हैं। पारी की पहली गेंद का सामना करने के बाद तेंदुलकर केवल दो ही शतक लगा सके हैं जो श्रीलंका के खिलाफ 1999 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुंबई में आए हैं।
नॉन-स्ट्राइकर के रूप में सफल थे तेंदुलकर
तेंदुलकर को पहली गेंद का सामना करना पसंद नहीं था। नॉन-स्ट्राइकर के रूप में सचिन की औसत 50.31 की थी। उन्होंने इस दौरान 13,685 रन बनाए जिसमें 43 वनडे शतक शामिल हैं।
2004 में आखिरी बार सचिन ने खेली थी पारी की पहली गेंद
भले ही सचिन पहली गेंद का सामना करने से बचते थे, लेकिन उनके वनडे करियर की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक पहली गेंद का सामना करते हुए ही आई है। 2003 विश्वकप में पाकिस्तान के खिलाफ सचिन ने 98 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। 2012 में सचिन ने संन्यास लिया था, लेकिन उन्होंने 2004 में आखिरी बार पहली गेंद का सामना किया था।