दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम मोटेरा से जुड़ी अहम बातें
24 फरवरी (बुधवार) से भारत और इंग्लैंड के बीच अहमदाबाद में डे-नाइट टेस्ट खेला जाना है। फिलहाल 1-1 से बराबरी पर चल रही सीरीज का यह तीसरा मुकाबला काफी अहम होने वाला है। अहमदाबाद में स्थित हाल ही में बना मोटेरा स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है और इसकी खूबसरती से दुनिया के सभी क्रिकेटर्स प्रभावित हुए हैं। आइए जानते हैं इस स्टेडियम से जुड़ी हर जरूरी बात।
मोटेरा स्टेडियम का इतिहास
1982 में गुजरात सरकार ने साबरमती नदी के किनारे 100 एकड़ की जमीन दान की थी जिसके बाद सरदार पटेल स्टेडियम अस्तित्व में आया। अक्टूबर 2015 में राज्य सरकार ने इस स्टेडियम को नए सिरे से बनाने का निर्णय लिया ताकि इसे दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम बनाया जा सके। दोबारा बनकर तैयार हुए स्टेडियम की क्षमता एक लाख 10 हजार है जो पहले के (49,000) मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा है।
मोटेरी की सीटिंग कैपेसिटी पर एक नजर
मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम की सीटिंग कैपेसिटी एक लाख 10 हजार है और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम है। दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम नॉर्थ कोरिया में एक लाख 14 हजार सीटिंग कैपेसिटी वाला है। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत तीसरे टेस्ट में केवल 55,000 दर्शकों को ही आने की अनुमति मिली है। इस अकेले स्टेडियम में जितने दर्शक बैठ सकते हैं उतने एम चिन्नास्वामी (40,000), एमए चिदंबरम (33,500) और वानखेड़े स्टेडियम (32,000) में मिलाकर भी नहीं आएंगे।
स्टेडियम में मौजूद वर्ल्ड क्लास सुविधाएं
इस स्टेडियम में कई वर्ल्ड-क्लास सुविधाएं मौजूद हैं। इसमें 55 कमरों वाला क्लब हाउस है। इसके अलावा जिम्नास्ट के लिए जगह और ओलंपिक के साइज का स्वीमिंग पूल भी मौजूद है। मोटेरा स्टेडियम में 76 कार्पोरेट बॉक्स बनाए हैं। एक कार्पोरेट बॉक्स में 25 लोग बैठकर मैच का लुत्फ उठा सकते हैं। स्टेडियम का ड्रेनेज सिस्टम इतना एडवांस है कि बारिश होने के 30 मिनट के भीतर मुकाबला दोबारा शुरु कराया जा सकता है।
स्टेडियम से जुड़ी अन्य जरूरी चीजें
मोटेरा स्टेडियम के कॉम्प्लेक्स में दो ट्रेनिंग ग्राउंड हैं, जिसमें नौ और 11 पिच हैं जो स्वभाव में अलग-अलग हैं। स्टेडियम में मौजूद हर ड्रेसिंग रूम से दो जिम और लंबा वार्म अप एरिया भी है। ट्रेनर्स, फिजियो और कोचों के लिए भी अलग से जगह बनाई गई है। फ्लडलाइड टॉवर्स की गैरमौजूदगी के कारण फील्ड पर होने वाले एक्शन को अच्छे से देखा जा सकेगा।
मोटेरा के मैदान में बनने वाले कीर्तिमान
मोटेरा के मैदान पर विश्व क्रिकेट के कई कीर्तिमान बने हैं। 1986-87 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान सुनील गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में अपने 10,000 रन पूरे किए थे। इसी मैदान पर कपिल देव ने सर रिचर्ड हैडली के 432 विकेटों को पीछे छोड़ा था और उस समय टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे। अक्टूबर 1999 में सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट का अपना पहला दोहरा शतक लगाया था।