टी-20 स्पेशलिस्ट भारतीय खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट देगी BCCI- रिपोर्ट
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने नेशनल टीम के लिए टी-20 स्पेशलिस्ट के तौर पर खेलने वाले खिलाड़ियों को बड़ा तोहफा दिया है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक BCCI ने अपने नियमों में बदलाव किया है और अब सालाना कॉन्ट्रैक्ट में साल में 10 टी-20 मुकाबले खेलने का क्लॉज जोड़ा है। इसका मतलब है कि केवल टी-20 खेलने वाले खिलाड़ी भी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में शामिल हो सकेंगे। आइए जानते हैं पूरी खबर।
कॉन्ट्रैक्ट के लिए BCCI कर रहा बड़ा बदलाव
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (CoA) के कार्यकाल के दौरान बोर्ड ने उन लोगों को कॉन्ट्रैक्ट देने से मना कर दिया था जिन्होंने कुछ टी-20 मुकाबले ही खेले हैं। हालांकि, अब ताजा रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि बोर्ड ने सिस्टम में बदलाव करते हुए कम से कम 10 टी-20 मैच खेले खिलाड़ियों को कॉन्ट्रैक्ट देने का निर्णय लिया है। हाल ही में टेस्ट और वनडे में चुने गए खिलाड़ियों का ही कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाया गया है।
टी-20 स्पेशलिस्ट के तौर पर कॉन्ट्रैक्ट में शामिल हुए थे सुंदर
BCCI ने इस साल जनवरी में चार कैटेगिरी में कुल 27 खिलाड़ियों को कॉन्ट्रैक्ट में शामिल किया था। इन 27 खिलाड़ियों में वाशिंग्टन सुंदर इकलौते ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने 24 दिसंबर, 2017 से भारत के लिए केवल टी-20 मुकाबले ही खेले हैं। सुदंर ने 2019 में कुल 11 टी-20 मैच खेले थे और केवल टी-20 के दम पर कॉन्ट्रैक्ट पाने वाले इकलौते खिलाड़ी रहे। उन्हें लगातार अच्छे प्रदर्शन का इनाम दिया गया था।
कुछ इस प्रकार रहे हैं सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के नियम
बोर्ड पहले यह नियम लेकर चलती थी कि कोई भी खिलाड़ी जिसने इंटरनेशनल मैच खेला है वह बोर्ड के कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम के अंडर आता है। CoA ने इस नियम को थोड़ा बदला था और कॉन्ट्रैक्ट के लिए मैचों की संख्या निर्धारित की थी। इस नियम के हिसाब से सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए खिलाड़ी को कम से कम तीन टेस्ट या फिर सात वनडे मैच खेलने होते हैं।
लंबे समय से टेस्ट स्पेशलिस्ट को मिल रहे हैं कॉन्ट्रैक्ट
रविचंद्रन अश्विन जुलाई 2017 से केवल टेस्ट क्रिकेट ही खेल रहे हैं तो वहीं टेस्ट टीम के उप-कप्तान अजिंक्या रहाणे ने भी फरवरी 2018 में आखिरी लिमिटेड ओवर मुकाबला खेला था। इशांत शर्मा जनवरी 2016 के बाद से केवल टेस्ट क्रिकेट ही खेले हैं। चेतेश्वर पुजारा तो शुद्ध टेस्ट स्पेशलिस्ट के तौर पर खेलते आ रहे हैं। टेस्ट स्पेशलिस्ट इन चारों खिलाड़ियों को A ग्रेड में रखा गया है और साल में पांच करोड़ रूपये दिए जा रहे हैं।