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    NASA के लिए महत्वपूर्ण क्यों है चांद पर इंसान की मौजूदगी?
    NASA अंतरिक्ष यात्रियों को एक बार फिर चांद पर भेजना चाहती है।

    NASA के लिए महत्वपूर्ण क्यों है चांद पर इंसान की मौजूदगी?

    लेखन प्राणेश तिवारी
    Aug 30, 2022
    07:14 pm

    क्या है खबर?

    अंतरिक्ष की जो कड़ी हमारी दुनिया के सबसे करीब है, वह है हमारा इकलौता प्राकृतिक उपग्रह- हमारा चांद।

    अमेरिका की नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एजेंसी (NASA) अंतरिक्ष यात्रियों को एक बार फिर चांद पर भेजना चाहती है, जबकि साल 1969 से 1972 के बीच कई बार इंसान के कदम इसपर पड़े हैं।

    आखिर चांद पर दोबारा इंसान का पहुंचना क्यों जरूरी है और NASA इस सफलता को दोहराने के लिए करोड़ों रुपये क्यों खर्च कर रही है, समझना जरूरी है।

    चांद

    पहले जानें चांद से जुड़ी कुछ खास बातें

    चांद हमारे सौरमंडल में मौजूद पांचवां सबसे बड़ा उपग्रह है और धरती से करीब 385,000 किलोमीटर दूर स्थित है।

    इसकी मौजूदगी के चलते धरती को उसके अक्ष पर टिके रहने में मदद मिलती है और धरती व चांद एक तरह के अपनी पोजीशन में लॉक हैं।

    इस तरह धरती से चांद का केवल आधा हिस्सा ही दिखता है और दूसरा अंधेरा हिस्सा नहीं देखा जा सकता।

    बता दें, चांद पर बेहद पतला वायुमंडल है, जिसे एक्सोस्फियर कहते हैं।

    उम्मीद

    चांद में कई रहस्यों से पर्दा उठाने की क्षमता

    अपोलो अंतरिक्ष अभियान के दौरान चांद से लाई गई मिट्टी और चट्टानों का कई दशक बाद आज भी परीक्षण चल रहा है।

    इनकी मदद से धरती और चांद के भौगोलिक इतिहास और निर्माण की जानकारी मिल सकती है।

    उम्मीद है कि चांद पर पहुंचने के बाद ऐसे प्रयोग किए जा सकेगे, जो सीमित नमूने धरती पर होने के चलते नहीं किए जा सकते।

    चांद पर कई शोध और प्रयोग होने बाकी हैं, जिनके परिणाम रहस्यों से पर्दा उठा सकते हैं।

    भविष्य

    मंगल ग्रह तक पहुंचने के लिए बन सकता है लॉन्च-पैड

    धरती का सबसे करीबी ग्रह मंगल, चांद से धरती की दूसरी के करीब 200 गुना दूर है, यानी कि इंसान को वहां सुरक्षित भेजना बड़ी चुनौती है।

    मंगल ग्रह पर कोई अभियान भेजने की लॉन्च विंडो दो साल में एक बार खुलती है, ऐसे में लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

    संभव है कि चांद पर मौजूदगी के बाद वहां से मंगल ग्रह की ओर मिशन लॉन्च किए जाएं, या फिर स्पेसक्राफ्ट्स के लिए नया लॉन्च-पैड तैयार किया जा सके।

    टेक्नोलॉजी

    चांद पर किए जा सकते हैं नई तरह के आविष्कार

    अंतरिक्ष में तैयार की गईं टेक्नोलॉजीस और टूल्स की मदद से आज धरती पर रहने वालों को फायदा मिल रहा है।

    हैंड-हेल्ड कंप्यूटर्स से लेकर इंसुलिन पंप्स और फ्रीज-ड्राइड फूड की खोज अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में हुई।

    उम्मीद है कि चांद पर पहुंचने के बाद वैज्ञानिक और रिसर्चर्स ऐसी कई इनोवेशंस कर सकेंगे।

    साथ ही चांद पर इंसानों की मौजूदगी अंतरिक्ष में जाने का खर्च कम करने में भी मददगार होगी।

    प्रयोगशाला

    अंतरिक्ष में बड़ी प्रयोगशाला बन सकता है चांद

    अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े प्रयोग करने के लिए अभी अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) इकलौता ठिकाना है, जो अगले एक दशक में बंद किया जा सकता है।

    वैज्ञानिकों का मानना है कि चांद पर इंसानों की मौजूदगी वहां बड़ी प्रयोगशाला तैयार कर सकती है, जहां प्रयोग के लिए उपकरण और संसाधन भेजे जा सकेंगे।

    धीरे-धीरे चांद पर इन उपकरणों के अलावा वैज्ञानिकों और रिसर्चर्स की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी और अंतरिक्ष यात्रा, हवाई यात्रा जितनी सहज हो जाएगी।

    योजना

    चांद की ओर कदम बढ़ाता आर्टेमिस प्रोजेक्ट

    NASA अपने आर्टेमिस प्रोजेक्ट के साथ चांद पर उतरने और वहां रिसर्च शुरू करने की योजना पर काम कर रही है।

    अंतरिक्ष एजेंसी ने कई मिशन लॉन्च करने का लक्ष्य रखा है, जिनमें से आर्टेमिस 4 इंसानों को साल 2025 में या इसके बाद चांद की सतह पर उतारेगा।

    इससे पहले भेजे जाने वाले मिशन टेस्ट फ्लाइट का काम करेंगे और जरूरी डाटा जुटाएंगे।

    हालांकि, सोमवार को तय आर्टेमिस 1 मिशन लॉन्च तकनीकी खामी के चलते टालना पड़ा है।

    जानकारी

    न्यूजबाइट्स प्लस

    NASA की योजना भविष्य में चांद की कक्षा में स्पेस स्टेशन का निर्माण करने की भी है। चांद और इसके पार के मिशन्स में इसका उपयोग किया जाएगा। इसमें अलग-अलग स्पेसक्राफ्ट के लिए डॉकिंग पोर्ट बने होंगे और अंतरिक्ष यात्री वहां रहकर काम कर सकेंगे।

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