खुद का स्पेस स्टेशन बनाने पर विचार कर रहा भारत, ISRO प्रमुख ने किया खुलासा
क्या है खबर?
अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा भारत अब अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाने की योजना बना रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख के सिवान ने गुरुवार को ये जानकारी दी।
यह स्पेस स्टेशन गगनयान मिशन का ही एक विस्तार होगा।
अभी अंतरिक्ष में केवल एक स्पेस स्टेशन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) है, जो चालू हालत में है। इसमें अमेरिका, रूस, कनाडा, जापान और यूरोपीय स्पेस एजेंसी भागीदार हैं।
बयान
गगनयान की सफलता के बाद आगे बढ़ेगी योजना
सिवान ने नई दिल्ली में रिपोर्ट्स से बातचीत करते हुए कहा, "हमें मानव अंतरिक्ष मिशन के लॉन्च के बाद गगनयान कार्यक्रम को बनाए रखना होगा। इसके लिए भारत अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाने पर विचार कर रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "यह एक छोटा मॉड्यूल होगा, जिसका मुख्य उपयोग माइक्रोग्रैविटी प्रयोगों के लिए किया जाएगा। तैयारियों जारी हैं, लेकिन 2022 में गगनयान के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद ही इस योजना को आगे बढ़ाया जा सकेगा।"
जानकारी
5-7 साल का लगेगा समय
सिवान ने कहा कि अगले 5-7 साल में इसकी अवधारणा पर काम किया जाएगा। अभी तक ISRO ने इस पर कोई भी जानकारी प्रकाशित नहीं की है और इस पर आने वाले कुल खर्चे के बारे में भी कुछ नहीं पता है।
गगनयान मिशन
क्या है गगनयान मिशन?
गगनयान मिशन अंतरिक्ष में भारत का पहला मानव मिशन होगा।
इस मिशन के तहत 3 भारतीयों को साल 2022 में 7 दिनों के लिए अंतरिक्ष भेजा जाएगा।
केंद्र सरकार ने इसके लिए 10 हजार करोड़ के बजट को मंजूरी दी है।
अगर गगनयान मिशन कामयाब रहता है तो भारत दुनिया का केवल चौथा ऐसा देश होगा, जो मानव को अंतरिक्ष में भेजने में कामयाब होगा।
इससे पहले अमरेका, रूस और चीन ये कारनामा कर चुके हैं।
जानकारी
यात्रियों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू
अंतरिक्ष जाने वाले 3 यात्रियों के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और अगले 6 महीने के अंदर ये पूरी होगी। इसके लिए वायुसेना के टेस्ट पायलटों को पहला मौका दिया जाएगा। चुनाव के बाद उनकी ट्रेनिंग की जाएगी।
चंद्रयान-2 मिशन
अभी चंद्रयान-2 और गगनयान है मुख्य प्राथमिकता
ISRO की इस समय मुख्य प्राथमिकता चंद्रयान-2 मिशन है, जो 15 जुलाई को लॉन्च होगा।
लॉन्च के 52 दिन बाद ये चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और उसके दक्षिणी हिस्से में खोजबीन और परीक्षण करेगा।
इस मुश्किल जगह पर जाने वाला भारत दुनिया का पहला देश होगा।
इसके बाद ISRO की मुख्य प्राथमिकता 2022 में जाने वाला गगनयान मिशन होगा।
ISRO ने 2020 में सूर्य पर अपने महत्वाकांक्षी मिशन आदित्य-एल 1 की भी घोषणा की है।