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2021 में ISRO का पहला मिशन 28 फरवरी को, भेजेगा कई सैटेलाइट्स

2021 में ISRO का पहला मिशन 28 फरवरी को, भेजेगा कई सैटेलाइट्स

Feb 07, 2021
12:54 pm

क्या है खबर?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) साल 2021 में अपने पहले अंतरिक्ष मिशन के लिए तैयार है और इसके लिए 28 फरवरी का दिन तय किया गया है। फरवरी, 2021 के आखिरी दिन ISRO ब्राजील के सैटेलाइट अमेजॉनिया-1 और तीन भारतीय पेलोड्स अंतरिक्ष में भेजेगा, जिनमें भारत के स्टार्ट-अप का एक सैटेलाइट शामिल है। इन सैटेलाइट्स को पोलार सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) C-51 से लॉन्च किया जाएगा और इसके लिए सुबह 10 बजकर 28 मिनट का वक्त तय किया गया है।

सैटेलाइट्स

ब्राजील का अमेजानिया-1 प्राइमरी पेलोड

अमेजानिया-1 पूरी तरह ब्राजील में तैयार किया गया पहला अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है और यही मिशन का प्राइमरी पेलोड होगा। इसके अलावा को-पैसेंजर्स के तौर पर 'आनंद', 'सतीश धवन' सैटेलाइट्स और 'यूनिटीसैट' अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे। आनंद सैटेलाइट को भारतीय स्पेस स्टार्ट-अप ने तैयार किया है, वहीं सतीश धवन सैटेलाइट चेन्नै बेस्ड स्पेस किड्ज इंडिया की ओर से डेवलप किया गया है। ISRO के चैयरमैन और डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस के सेक्रेटरी के सिवन ने PSLV-C51 मिशन की पुष्टि की है।

यूनिटीसैट

तीन सैटेलाइट्स का कॉम्बिनेशन

यूनिटीसैट पेलोड तीन सैटेलाइट्स से मिलकर बना है, जिन्हें तीन अलग-अलग संस्थानों ने मिलकर डिजाइन और तैयार किया है। इसमें जेप्पिआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, श्रीपेरुमपुदूर का जिटसैट (JITsat), G.H. रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, नागपुर का GHRCEsat और शक्ति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कोयम्बटूर का श्री शक्ति सैट (Sri ShaktiSat) शामिल हैं। ISRO चेयरमैन सिवन ने मिशन को देश के लिए बेहद खास बताया। उन्होंने कहा कि इसके साथ अंतरिक्ष के क्षेत्र में नए बदलावों की शुरुआत होगी।

आनंद

लॉन्च होगा पहला कमर्शियल प्राइवेट सैटेलाइट

ISRO के एक अधिकारी ने कहा, "PSLV-C51 का लॉन्च देश के पहले कॉमर्शियल प्राइवेट रिमोट-सेंसिंग सैटेलाइट (आनंद) को ISRO PSLV रॉकेट पर लेकर जाएगा।" इसे तैयार करने वाले स्टार्ट-अप पिक्सल के CEO अवैस अहमद ने कहा, "हम इस बात से उत्साहित हैं कि भारत का पहला कॉमर्शियल प्राइवेट सैटेलाइट भारतीय रॉकेट पर लॉन्च होगा। यह हमारे संस्थान ही नहीं बल्कि हमारे देश की क्षमता के साथ काम करने के लिए एक नागरिक के तौर पर भी गर्व की बात है।"

सतीश धवन

पूर्व ISRO चेयरमैन के नाम पर सैटेलाइट

स्पेस किड्ज इंडिया ने बताया कि सतीश धवन सैटेलाइट (SD SAT) का नाम पूर्व ISRO चेयरमैन सतीश धवन के नाम पर रखा गया है। इस सैटेलाइट का मकसद स्पेस रेडिएशन और मैग्नेटोस्फेयर की स्टडी करना है और इन्हें खास तौर के नैनोसैटेलाइट कंपोनेंट्स के साथ डिजाइन किया गया है। स्पेस किड्ज इंडिया के मुताबिक, सैटेलाइट अंतरिक्ष में LoRa टेक्नोलॉजी की क्षमता की जांच भी करेगी, जिसे बाद में शॉर्ट और M2M कम्युनिकेशन में इस्तेमाल किया जा सकता है।