इसलिए मंगल ग्रह की मिट्टी खोद रहा है NASA का इनसाइट रोवर, सामने आई चुनौती
क्या है खबर?
मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक लैंड करने के बाद से अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का इनसाइट लैंडर मिशन कई चुनौतियों का सामान कर चुका है।
इस रोवर के सेसिमोमीटर से जुड़े सेसिमिक एक्सपेरिमेंट के दौरान इंटीरियर स्ट्रक्चर (SEIS) गलत पॉजिटिव और नॉइसी रीडिंग्स के आधार पर काम करने लगा है।
लाल ग्रह पर इनसाइट के सामने आ रही इस दिक्कत के लिए SEIS के डोम-शेप वाले शेल और इससे जुड़े इनसाइट लैंडर टेथर को जिम्मेदार माना जा रहा है।
जानकारी
मंगल ग्रह की संरचना में ज्वालामुखी फटने से आए बदलाव
मंगल ग्रह पर मौजूद इनसाइट का मकसद मंगल ग्रह की आंतरिक संरचना का पता लगाना है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि मंगल ग्रह के अंदर पृथ्वी जैसी टेक्टोनिक प्लेट्स नहीं हैं और वहां आने वाले भूकंप और बदलाव के लिए ज्वालामुखी विस्फोट जिम्मेदार हैं।
दिक्कत
बेहद संवेदनशील है रोवर का सेसिमोमीटर
NASA की जेट प्रोपलशन लैबोरेटरी (JPL) ने बताया है कि मंगल ग्रह पर चलने वाली हवाएं SEIS की रीडिंग को प्रभावित कर रही हैं।
मंगल ग्रह पर मशीनी मिशन को अंजाम देने के लिए भेजे जाने वाले रोवर और लैंडर में इस्तेमाल किए गए टूल्स में जरा सी खामी भी पूरे मिशन को प्रभावित कर सकती है।
सेसिमोमीटर का ज्यादा संवेदनशील होना नई मुश्किल बन गया है क्योंकि हवाएं चलने को भी SEIS छोटे मार्सक्वेक्स की तरह रीड करता है।
नुकसान
रीडिंग्स में दिख रहे हैं गलत डाटा स्पाइक्स
SEIS को इनसाइट लैंडर से जोड़ने वाले मेटेलिक टेथर से 'पॉप साउंड' आ रहा है क्योंकि मंगल ग्रह पर दिन और रात के तापमान में 100 डिग्री सेल्सियस तक का अंतर हो सकता है।
इस साउंड की वजह से रीडिंग्स और डाटा में स्पाइक्स देखने को मिल रहे हैं।
JPL इंजीनियर्स को उम्मीद है कि टेथर को मंगल ग्रह की सतह के अंदर मिट्टी में दबा देने से तापमान में आने वाले बदलाव का असर इसपर नहीं होगा।
चुनौती
जल्द हाइबरनेशन में चला जाएगा इनसाइट
अमेरिकी एजेंसी ने बेशक इनसाइट मिशन का वक्त दिसंबर, 2022 तक बढ़ाया हो लेकिन टेथर को मिट्टी में दबाने के लिए इसके पास कम वक्त बचा है।
इनसाइट के सोलर पैनल धूल से ढक चुके हैं और इसकी बैटरीज लो-पावर पर काम कर रही हैं। इसके अलावा मंगल ग्रह भी सूर्य से दूर जा रहा है।
जल्द NASA इनसाइट के उपकरणों को ऑफ कर देगी, जिससे जुलाई में मंगल ग्रह पर तापमान बेहतर होने तक इसे हाइबरनेट किया जा सके।
रिसर्च
मंगल ग्रह पर आते हैं इस तरह के मार्सक्वेक्स
SEIS ने 7 मार्च और 18 मार्च को दो मार्सक्वेक्स का पता लगाया, जिनकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 3.3 और 3.1 थी।
NASA का कहना है कि सेसिमोमीटर की ओर से रिकॉर्ड की गईं ये अब तक की सबसे अच्छी रीडिंग्स थीं।
ये मार्सक्वेक्स ग्रह के अंदरूनी हिस्से सेरबेरस फॉसाए से आते हैं, और इससे जुड़ा डाटा आने वाले वक्त में रिसर्च के लिए NASA की पसंदीदा जगहों का चुनाव कर सकता है।
इंतजार
मंगल ग्रह पर नॉर्दर्न समर में मिलती हैं बेस्ट सेसिमिक रीडिंग्स
इनसाइट अपने सोलर पैनल्स को साफ करने के लिए उनपर इलेक्ट्रिक चार्ज की डस्ट-रेपेलिंग वेव भी भेज सकती है।
यह जरूरी है कि NASA समय रहते सेसिमोमीटर से जुड़ी दिक्कत को दूर कर ले।
SEIS की ओर से बेस्ट रीडिंग्स ग्रह पर हवा कम होने के बाद नॉदर्न समर में रिकॉर्ड की गई हैं और उपकरण ने बेहद छोटे मार्सक्वेक्स भी रिकॉर्ड किए।
इनसाइट के हाइबरनेशन से निकलने के बाद यह मौका एक बार फिर रोवर को मिलेगा।
जानकारी
मंगल ग्रह पर पहुंचा NASA का हेलिकॉप्टर
NASA के नए पर्सिवियरेंस मिशन से जुड़ा बड़ा अपडेट भी बीते दिनों सामने आया है और एजेंसी का इनजेन्युटी मिनी-हेलीकॉप्टर मंगल ग्रह की सतह पर उतर चुका है। यह हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह के वायुमंडल में कई उड़ानें भरकर जरूरी डाटा जुटाएगा।