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अंतरिक्ष की अद्भुत घटनाओं का साल है 2025, जानें क्या कुछ होगा 
2025 है अंतरिक्ष की अद्भुत घटनाओं का साल (तस्वीर: नासा)

अंतरिक्ष की अद्भुत घटनाओं का साल है 2025, जानें क्या कुछ होगा 

Jan 02, 2025
06:39 pm

क्या है खबर?

2025 में अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए कई अद्भुत खगोलीय घटनाएं देखने को मिलेंगी। वर्ष 2024 में पूर्ण सूर्य ग्रहण और उत्तरी रोशनी जैसी दुर्लभ घटनाओं के बाद, यह वर्ष उल्कापात, सुपरमून, चंद्र ग्रहण और सौर गतिविधियों के नए चरण का साक्षी बनेगा। इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन चंद्रमा, मंगल और एस्ट्रोयड से जुड़े अध्ययन को नई ऊंचाई देंगे। आइए इस वर्ष की प्रमुख खगोलीय घटनाओं और मिशनों पर नजर डालते हैं।

उल्कापात

उल्कापात और उत्तरी रोशनी से होगी शुरुआत

वर्ष 2025 की शुरुआत उल्कापात और उत्तरी रोशनी के साथ होगी। 3 जनवरी को क्वाड्रेंटिड्स उल्कापात अपने चरम पर रहेगा, जो उत्तरी गोलार्ध में अद्भुत दृश्य प्रदान करेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, सौर गतिविधि का चरम 2024 में था, लेकिन 2025 में भी कुछ शक्तिशाली सौर तूफान देखने को मिलेंगे। इसके अलावा, सौर तूफान अरोरा को और भी रंगीन बना सकते हैं। इस प्रकार, वर्ष की शुरुआत खगोलीय गतिविधियों के उत्सव से होगी।

चंद्र ग्रहण

चंद्र ग्रहण और ग्रहों का अद्भुत संयोजन

14 मार्च, 2025 को पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा, जबकि 7 सितंबर को एक और चंद्र ग्रहण होगा। इसके अलावा, अक्टूबर से दिसंबर तक 3 सुपरमून होंगे, जो आकाशीय नजारों को और खास बनाएंगे। जनवरी में शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि ग्रह सूर्यास्त के बाद आकाश में एक साथ चमकते नजर आएंगे। यह दुर्लभ घटना न केवल खगोलविदों के लिए, बल्कि आम लोगों के लिए भी उत्सुकता का विषय होगी।

उल्का वर्षा

उल्का वर्षाओं से सजेगा आकाश

2025 में कई उल्का वर्षाएं देखने को मिलेंगी। अप्रैल में लिरिड्स, मई में एटा एक्वेरिड्स और अगस्त में पर्सिड्स उल्कापात अपने चरम पर होंगे। इन घटनाओं में सबसे खास होगी दिसंबर में जेमिनिड्स उल्का वर्षा, क्योंकि उस समय चंद्रमा की रोशनी कम होगी। यह वर्षा अपनी चमकदार विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। रात के आसमान को अलौकिक बनाने वाली ये घटनाएं खगोल विज्ञान के शौकीनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगी।

मिशन

चंद्रमा पर मिशन

2025 में चंद्रमा पर कई मिशन लॉन्च होंगे। ब्लू घोस्ट मिशन 1 और रेजिलिएंस मिशन चंद्र सतह के रहस्यों को सुलझाने के लिए तैयार हैं। लूनर ट्रेलब्लेज़र मिशन चंद्रमा पर पानी की खोज करेगा। इसके साथ ही, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का प्रोबा-3 मिशन इसी साल सूर्य के बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करने के लिए एक नकली सूर्यग्रहण बनाएगा। ये सभी मिशन चंद्रमा और सौरमंडल के अध्ययन में क्रांतिकारी योगदान देंगे।

मिशन

मंगल और एस्ट्रोयड मिशन की तैयारी

2024 में लॉन्च हुआ यूरोपा क्लिपर 2025 में मंगल के पास से गुजरकर ऊर्जा प्राप्त करेगा। यह मिशन 2030 में बृहस्पति पहुंचकर उसके चंद्रमा यूरोपा का अध्ययन करेगा। इसके अलावा, लूसी मिशन बृहस्पति के पास एस्ट्रोयड 52246 डोनाल्ड जोहानसन का निरीक्षण करेगा। नासा का एक अन्य मिशन एस्ट्रोयड पर गहन अध्ययन के लिए भेजा जाएगा। ये मिशन हमारे सौरमंडल की संरचना और विकास को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे।