25 अक्टूबर को दिखेगा 2022 का आखिरी आंशिक सूर्य ग्रहण, जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
इस साल हमने दो चंद्र ग्रहण, दो सूर्य ग्रहण, पांच ग्रहों के एकसाथ एक सीधी लाइन में आने की घटना, गुलाबी चांद, दो उल्का वर्षा के साथ-साथ कई खगोलीय घटनाओं को देखा है। अब 2022 का दूसरा या कहें कि आखिरी आंशिक सूर्य ग्रहण देखना बाकी है जो दिवाली के ठीक एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को दिखाई देगा। आइए आज हम आपको इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान क्या होता है?
आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की सतह के एक हिस्से पर एक काली छाया दिखाई देती है। यह तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के केंद्र से गुजरता है और सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक बिल्कुल सही सीधी रेखा में संरेखित नहीं होते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण के तीन चरण होते हैं। इनमें पहला शुरुआती, दूसरा मध्यम और तीसरा तथा आखिरी चरण होता है।
यह कहां दिखाई देगा?
यह आंशिक सूर्य ग्रहण यूरोप, पूर्वोत्तर अफ्रीका, पश्चिमी एशिया, उत्तरी अटलांटिक, उत्तरी हिंद महासागर और मध्य पूर्वी जगहों पर दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण दोपहर में शुरू होगा और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों सहित अंडमान और निकोबार द्वीपों को छोड़कर अधिकांश स्थानों से दिखाई देगा। बता दें कि भारत में अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण 2 अगस्त, 2027 को दिखाई देगा।
विभिन्न भारतीय राज्यों में ग्रहण का समय
यह ग्रहण दिल्ली में शाम 4:29 से शुरू होकर शाम 6:09 बजे तक रहेगा, जबकि मुंबई में यह शाम 4:49 बजे से शुरू होगा। यह ग्रहण द्वारका में करीब एक घंटे 45 मिनट तक सबसे ज्यादा दिखाई देगा। इसकी शुरुआत बेंगलुरु में शाम 5:12 बजे और चेन्नई में शाम 5:14 बजे होगी। कोलकाता में इसे सूर्यास्त से पहले सिर्फ 12 मिनट के लिए देखा जा सकता है।
कैसे देखें आंशिक सूर्य ग्रहण?
हर कोई इस दुर्लभ घटना का अनुभव नहीं कर पाएगा। यहां तक कि जिन देशों में ग्रहण दिखने जा रहा है, वहां भी लोगों को इसे नजदीक से देखने का मौका नहीं मिलेगा। अगर आप इस तरह घटना को देखने के इच्छुक हैं तो वर्चुअल लाइवस्ट्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा बने, जो रोम, इटली से शुरू होने वाला एक मुफ्त लाइव स्ट्रीम होगा। इसे आप रॉयल ऑब्जर्वेटरी ग्रीनविच के यूट्यूब चैनल पर भी देख सकते हैं।
सूर्य ग्रहण से जुड़े अंधविश्वास
भारत में बहुत से लोग सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ अंधविश्वासों को मानते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ग्रहण अशुभ संकेतों का प्रतीक है जो मृत्यु, विनाश और आपदा लाता है। कुछ का मानना है कि गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए।इससे होने वाले शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त, कई लोगों का मानना है कि इस दौरान हानिकारक सूक्ष्म जीवों का विकास होता है। इसलिए खाना नहीं बनाना चाहिए और न ही खाना चाहिए।