सूर्य की सतह पर दिखा "डरावना स्माइली चेहरा", नासा ने शेयर की तस्वीर
आंशिक सूर्य ग्रहण के बाद सूर्य की सतह पर एक "डरावने" स्माइली चेहरे का पैटर्न दिखा, जिसमें तीन काले धब्बों को देखा जा सकता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, सूर्य पर इन काले धब्बों को कोरोनल होल के रूप में जाना जाता है। ये ऐसे क्षेत्र हैं, जहां से तेज सौर हवा अंतरिक्ष में निकलती है। बता दें, सूर्य की इस तस्वीर को नासा के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी (SDO) ने कैप्चर किया है।
कोरोनल होल का परिणाम हो सकते हैं ये काले धब्बे
न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, सूर्य का यह स्माइली चेहरा कोरोनल होल का परिणाम हो सकता है। कोरोनल होल सूर्य का वह क्षेत्र है, जो आसपास के प्लाज्मा की तुलना में ठंडा और कम घना होता है। इस तरह तापमान के अंतर से यह गहरे रंग के धब्बे बन जाते हैं, जो सूर्य की सतह पर अलग से दिखाई देते हैं। ऐसे ही धब्बे इस तस्वीर में भी स्माइली चेहरे के रूप में दिखाई दे रहे हैं।
सूर्य की डरावनी तस्वीर की सोशल मीडिया पर भी चर्चा
नासा की तरफ से सूर्य की इस डरावनी तस्वीर को ट्विटर पर शेयर किया गया, जिसको लेकर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कोई इस तस्वीर को प्यारा बता रहा है तो कोई भयानक। एक शख्स ने कमेंट में लिखा, 'यह बहुत अच्छा लग रहा है! ऐसा लगता है जैसे सूरज मुस्कुरा रहा है।' वहीं एक अन्य शख्स ने लिखा, 'यह सुंदर के साथ भयावह भी है।'
सूर्य की डरावनी सरंचना का क्या होगा असर?
सूर्य की सतह पर दिख रहे कोरोनल होल हमारे ग्रह (पृथ्वी) पर भौतिक प्रभाव डाल सकते हैं। कोरोनल होल पृथ्वी की ओर सौर हवा की एक जटिल धारा छोड़ते हैं जो एक तेज सौर तूफान का कारण बन सकती है और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को बिगाड़ सकती है। SpaceWeather.com के अनुसार, सूर्य के इस "स्माइली चेहरे" के कारण एक तीव्र सौर तूफान 28 या 29 अक्टूबर को पृथ्वी से टकराने की संभावना है।
नासा ने शेयर की सूर्य की डरावनी तस्वीर
चुंबकीय क्षेत्र की सेवाएं हो सकती हैं बाधित
कोरोनल होल से निकलने वाला तूफान आम लोगों पर तो कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालेगा, लेकिन यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में बदलाव कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो दुनियाभर की आधुनिक तकनीक पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। जिसकी वजह से रेडियो संचार, इलेक्ट्रिक पावर ग्रिड, GPS समेत अन्य आधुनिक तकनीक बाधित हो सकती है। इसके अलावा यह तूफान अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जोखिम भी पैदा कर सकता है।