आंशिक चंद्रग्रहण: 149 सालों में आज रात लगेगा ख़ास तरह का ग्रहण, जानें महत्वपूर्ण बातें
अगर आप भी उन्ही लोगों में से हैं, जिन्हें रात में आकाश में होने वाली दिलचस्प घटनाओं की तलाश करना पसंद है, तो आपको यह जानकार ख़ुशी होगी कि 16 जुलाई और 17 जुलाई को भारत सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आंशिक चंद्रग्रहण दिखाई देगा। भारत में यह अद्भुत खगोलीय घटना 16 और 17 जुलाई के बीच की रात में दिखाई देगी। आइए इस अनोखी खगोलीय घटना से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी लेते हैं।
आंशिक चंद्रग्रहण दिखने का समय
नासा के अनुसार, भारत में भारतीय मानक समय के अनुसार चंद्रमा 17 जुलाई को रात में 12:13 बजे पेनुम्बरा (आंशिक छाया का क्षेत्र) में प्रवेश करेगा और रात में 01:31 बजे उम्ब्रा (पूर्व छाया का क्षेत्र) में प्रवेश करेगा। चंद्रमा सुबह 04:29 बजे IST से बाहर निकलेगा और 05:47 बजे IST से पेनुम्बरा क्षेत्र को छोड़ देगा। चंद्रग्रहण भोर में 03:00 बजे सबसे तीव्र होगा। इस समय इसे आसानी से देखा जा सकता है।
ग्रहण 1.7037 पेनुम्बरल मैग्नीट्यूड और 0.653 उम्बरल मैग्नीट्यूड पर होगा
नासा के अनुसार, आगामी ग्रहण के लिए पेनुम्बरल मैग्नीट्यूड (पृथ्वी के पेनुम्बरा द्वारा कवर चंद्रमा के व्यास का अंश) 1.7037 होगा और उम्बरल मैग्नीट्यूड (पृथ्वी के उम्ब्रा क्षेत्र द्वारा कवर चंद्रमा के व्यास का अंश) 0.653 होगा।
कौन से क्षेत्र देख पाएँगे ग्रहण?
भारत में पूर्ण आंशिक चंद्रग्रहण पश्चिमी और मध्य भारत से दिखाई देगा, जबकि अन्य क्षेत्र चाँद के आस-पास की घटना देख सकते हैं। नासा द्वारा जारी ग्रहण मानचित्र के अनुसार, भारत के बाहर ग्रहण एशिया, अफ़्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा। हालाँकि, यह अद्भुत खगोलीय घटना उत्तरी अमेरिका और ग्रीनलैंड से दिखाई नहीं देगी और वहाँ के लोग इसे देखने से वंचित रह जाएँगे।
आंशिक और पूर्ण चंद्रग्रहण में अंतर
आंशिक चंद्रग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच में आती है, लेकिन चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी के उम्ब्रा क्षेत्र में पड़ता है। इसके विपरीत, जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी के उम्ब्रा क्षेत्र के अंदर होता है, तो पूर्ण चंद्रग्रहण होता है। वहीं, एक तीसरे प्रकार का भी ग्रहण होता है, जिसे पेनुम्बरल ग्रहण कहते हैं। यह उस समय होता है, जब चंद्रमा केवल पृथ्वी के पेनुम्बरा क्षेत्र से होकर गुज़रता है।
क्या आंशिक चंद्रग्रहण देखना सुरक्षित है?
सूर्यग्रहण के विपरीत, चंद्रग्रहण को नंगी आँखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित है। हालाँकि, अंधविश्वास में यक़ीन करने वाले लोग सीधे तौर पर सभी ग्रहणों को देखने के ख़िलाफ़ चेतावनी देते हैं, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर चंद्रग्रहण आपकी आँखों को नुकसान नहीं पहुँचा सकता है। इसलिए, अगर आप अगले चंद्रग्रहण (26 मई, 2021) के लिए इंतज़ार नहीं करना चाहते हैं, तो इस बार इस अद्भुत खगोलीय घटना के गवाह ज़रूर बनें।
यह ग्रहण 149 वर्षों में है अपनी तरह का पहला ग्रहण
यह ग्रहण इसलिए भी विशेष हो जाता है, क्योंकि पिछले 149 वर्षों में यह पहली बार है कि चंद्रग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन होगा। गुरु पूर्णिमा महर्षि वेदव्यास की जयंती के तौर पर मनाया जाता है। हिंदू और बौद्ध धर्म में इसका ख़ास महत्व है।