फेसबुक पर रोक से लेकर चिप इंडस्ट्री तक, टेक दुनिया पर रूस-यूक्रेन युद्ध का असर
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ चुका है, पिछले तीन दिन से दोनों देश इसका सामना कर रहे हैं और पूरी दुनिया इस स्थिति से प्रभावित हुई है। रूस ने अपने देश के कुछ हिस्सों में फेसबुक पर रोक लगा दी है, वहीं यूक्रेनियन सरकार ने ऐपल CEO टिम कुक से रूस में ऐप स्टोर ब्लॉक करने को कहा है। आइए जानते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच बनी स्थिति के दौरान टेक दुनिया में क्या बदला है।
रूस ने फेसबुक पर लगाया आंशिक प्रतिबंध
रूस की सरकार ने मौजूदा हालात को देखते हुए देश में फेसबुक की सेवाओं पर आंशिक प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इससे पहले रूस के कुछ मीडिया आउटलेट्स के अकाउंट ब्लॉक कर दिए थे। इन अकाउंट्स से यूक्रेन में रूस की सेना भेजे जाने से जुड़ी खबरें और पोस्ट्स शेयर की जा रही थीं। रूस के कम्युनिकेशन रेग्युलेटर ने कहा कि फेसबुक ने ऐसा कर 'मूल मानवाधिकारों' का उल्लंघन किया है।
फेसबुक ने बनाया 'स्पेशल ऑपरेशंस सेंटर'
फेसबुक ने मौजूदा हालात से जुड़े रियल-टाइम अपडेट्स देने के लिए 'स्पेशल ऑपरेशंस सेंटर' बनाया है। इसके अलावा कंपनी यूक्रेन में रहने वाले यूजर्स के लिए 'लॉक प्रोफाइल' टूल भी लाई है। रूस में ढेरों संगठन और यूजर्स फेसबुक का इस्तेमाल युद्ध रोकने की मांग उठाते हुए कर रहे थे और इससे जुड़े प्रदर्शन भी हो रहे हैं। इसे भी रूसी सरकार की ओर से फेसबुक सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने की एक वजह माना जा रहा है।
यूक्रेन ने टिम कुक को भेजा ओपेन लेटर
यूक्रेन के उप-प्रधानमंत्री और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मिनिस्टर मिखालिओ फेडोरोव ने ऐपल CEO टिम कुक से मांग की है कि वे रूसी फेडरेशन के लिए ऐप स्टोर समेत सभी ऐपल सेवाएं ब्लॉक कर दें। कुक को लिखे ओपेन लेटर में उन्होंने कहा है कि ऐपल रूसी फेडरेशन को कोई ऐपल सेवा ना दे और कोई प्रोडक्ट सप्लाई ना करे। वहीं, टिम कुक ने मौजूदा हालात को लेकर ट्वीट किया है और स्थानीय मानवीय कोशिशों का समर्थन करने की बात कही है।
यूक्रेन ने ट्वीट में की अपील
ट्विटर से 'डिलीट रूस' की मांग तेज
यूक्रेन चाहता है कि रूस से समर्थन छीन लिया जाए, जिससे देश हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश ना करे। रूस के साथ युद्ध का सामना कर रहे इस देश ने ट्विटर और अन्य यूजर्स से 'रूस को डिलीट करने' की मांग की है। मांग है कि युद्ध से जुड़े पोस्ट्स शेयर करने और प्रोपोगेंडा फैलाने वाले अकाउंट्स का समर्थन ना किया जाए। वहीं, रूस अपने आधिकारिक हैंडल से युद्ध के बारे में कोई भी जानकारी नहीं शेयर कर रहा।
सेमीकंडक्टर्स की सप्लाई पर पड़ेगा असर
रूस और यूक्रेन दोनों ही देश कंप्यूटर चिपसेट्स और सेमीकंडक्टर्स के लिए जरूरी कच्चे सामान का निर्यात करते हैं। बीते कुछ साल में चिपसेट्स की सप्लाई और मैन्युफैक्चरिंग पहले से कम हुई है और मौजूदा युद्ध इसे और बदतर बना देगा। माना जा रहा है कि साल 2022 के आखिर और साल 2023 की शुरुआत में भी चिप-शॉर्टेज बरकरार रहेगा। इसका असर स्मार्टफोन्स से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमत तक पर पड़ सकता है।
यूक्रेन की सरकारी वेबसाइट्स और सिस्टम हैक
युद्ध की शुरुआत के साथ ही यूक्रेन की सरकारी वेबसाइट और बैंकिंग सिस्टम्स पर साइबर अटैक्स की बात सामने आई। यूक्रेन की ढेरों वेबसाइट्स हैक की गईं और इनके पीछे रूस का हाथ माना जा रहा है। सामने आया है कि रूस ऐसे अटैक्स के लिए हाल ही में बनाए गए हैकिंग टूल्स इस्तेमाल कर रहा है, जिससे यूक्रेन को नुकसान पहुंचाया जा सके। इन टूल्स में वाइपर मालवेयर भी शामिल है, जिसका काम सिस्टम डाटा डिलीट करना होता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े स्कैम भी शुरू हुए
साइबर सुरक्षा कंपनी अवास्ट ने चेतावनी दी है कि रूस और यूक्रेन युद्ध से जुड़े स्कैम्स तेजी से बढ़ रहे हैं। अवास्ट ने बताया है कि पिछले 48 घंटे में ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं, जिनमें स्कैमर्स खुद के यूक्रेन में फंसे होने की बात कहकर मदद की मांग करते हैं। ग्लोबल यूजर्स को ऐसे स्कैम्स से बचकर रहने की सलाह दी गई है। अवास्ट ने यूक्रेन के कुछ क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देना भी बंद कर दिया है।