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गगनयान मिशन के लिए 3D प्रिटिंग से सामान बना रही है बेंगलुरू की कंपनी
इसरो के गगनयान मिशन के लिए बेंगलुरु की कंपनी ने 3D प्रिंटेड ग्रिड फिन बनाया है

गगनयान मिशन के लिए 3D प्रिटिंग से सामान बना रही है बेंगलुरू की कंपनी

लेखन रजनीश
Feb 13, 2023
08:01 pm

क्या है खबर?

बेंगलुरू की कंपनी अंकित एयरोस्पेस ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) के आगामी गगनयान मिशन के लिए उपयोग की जाने वाली 3D-प्रिंटेड ग्रिड फिन का प्रोटोटाइप सौंप दिया है। अब इस 3D-ग्रिड फिन को कई पैरामीटर्स पर टेस्ट किया जाएगा। इस 3D-ग्रिड फिन को बनाने वाली कंपनी के संस्थापक और CEO अंकित पटेल ने बताया कि अगर ISRO इससे संतुष्ट होता है तो कंपनी उसके लिए चार और ग्रिड फिन बनाएगी। यह ग्रिड फिन टाइटेनियम तारों से बने हैं।

इसरो

क्रू मॉड्यूल में इस्तेमाल होगा ग्रिड फिन

बेंगलुरू में एयरो इंडिया कार्यक्रम में ISRO को ग्रिड फिन सौंपा गया। गगनयान मिशन में ग्रिड फिन का इस्तेमाल क्रू मॉड्यूल में किया जाएगा, जो रॉकेट के ऊपरी हिस्से में होगा और जहां क्रू मेंबर्स होंगे। इसका काम क्रू मेंबर्स को कई तरह से सुरक्षा प्रदान करना है। मनीकंट्रोल से बात करते हुए पटेल ने कहा, "अगर किसी भी वजह से लॉन्च असफल होता है या लॉन्च पैड में कुछ गड़बड़ है तो पहली प्राथमिकता एस्ट्रोनॉट्स को सुरक्षित करना है।"

गगनयान

ग्रिड की खासियत ही इसे महंगा भी बनाती है

पटेल ने कहा, "क्रू मॉड्यूल तुरंत रॉकेट के बाकी हिस्सों से अलग हो जाता है। हवा में ऊपर जाने के बाद इसे सुरक्षित रूप से नीचे आना होगा और तभी ग्रिड फिन एयरोडायनामिक स्टेबिलिटी और ब्रेकिंग देने के लिए काम शुरू करता है। इससे क्रू मेंबर्स नियंत्रण से बाहर नहीं हो पाते।" इस ग्रिड फिन की खासियत है कि इसमें कोई जोड़ नहीं है और कच्चे माल की काफी बचत करता है, लेकिन इसकी लागत भी ज्यादा है।

टाइटेनियम

बनाने के लिए टाइटेनियम का हुआ है इस्तेमाल

इसको बनाने के लिए टाइटेनियम का इस्तेमाल हुआ है। कंपनी पिछले दो साल से इस ग्रिड फिन को बनाने के काम में लगी हुई है। पहले इसे 2021 में तैयार कर लिया जाना था, लेकिन वैश्विक स्तर पर टाइटेनियम की कमी के कारण इसके उत्पादन में 2023 तक की देरी हो गई। अभी इसकी कई तरह की क्वालिटी जांच होगी। ISRO रेडियोग्राफी या एक्स-रे के जरिए ये जांच करेगा कि कहीं इसके भीतर दरार तो नहीं है।

प्रिंटिंग

गगनयान मिशन का उद्देश्य

इसके निर्माण से एक बात यह भी निकलकर आई कि 3D प्रिटिंग से तेजी के साथ उत्पादन किया जा सकता है, लेकिन यह तकनीक अभी भी बहुत महंगी है। 3D प्रिंटिंग उपकरण की कीमत काफी महंगी होने के कारण कंपनी को अमेरिका में ग्रिड फिन का निर्माण करना पड़ा था। गगनयान मिशन के जरिये ISRO पहली बार इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है। पिछले काफी समय से इससे जुड़े काम चल रहे हैं।

मिशन

मिशन के लाभ 

इस मिशन के हिस्से के रूप में दो मानव रहित मिशन और एक मानवयुक्त मिशन भारत सरकार द्वारा अनुमोदित हैं। इस मिशन के कई अन्य लाभ भी हैं। यह देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के स्तर को बढ़ाने तथा युवाओं को प्रेरित करने में मदद करेगा। इस मिशन पर भेजे जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स का चुनाव भारतीय वायुसेना से किया गया है और इनकी ट्रेनिंग रूस में हुई है। इस मिशन पर 10,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।