वडोदरा में बना स्पेस सूट पहनकर गगनयान में जाएंगे अंतरिक्ष यात्री, जानें कैसी हैं बाकी तैयारियां
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) अंतरिक्ष में मानव भेजने के मिशन 'गगनयान' को अंजाम देने में जुटा है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले से भाषण देते हुए इसका ऐलान किया था। ISRO, 2021 तक गगनयान को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है। इस मिशन में तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आइये डालते हैं इस पर एक नज़र।
दो टेस्ट फ्लाइट भेजेगा ISRO
ISRO ने इस मिशन के लिए दिसंबर 2021 की समयसीमा तय की है। दिसंबर में तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को गगनयान मिशन पर भेजा जाएगा। इसका अभ्यास करने के लिए ISRO पहले दो मानवरहित फ्लाइट टेस्ट करेगा। पहली फ्लाइट जून 2020 और दूसरी दिसंबर 2020 में भेजी जाएगी। इनकी पुख्ता सुरक्षा के लिए ISRO बेहद सावधानी से कदम उठा रहा है। इनके बाद दिसंबर 2021 में अंतरिक्ष यात्रियों वाली फ्लाइट भेजी जाएगी।
वायुसेना के पायलट होंगे अंतरिक्ष यात्री
ISRO इस मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को चुनने के लिए भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर काम कर रही है। वायुसेना के इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन को अंतरिक्ष यात्रियों को चुनने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस मिशन पर एक महिला समेत वायुसेना के तीन पायलटों को भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक इन पायलटों को चुन लिया जाएगा, जिसके बाद उनका प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा।
'मेड इन वडोदरा' स्पेस सूट पहनेंगे अंतरिक्ष यात्री
इस मिशन पर जाने वाले यात्री वडोदरा में बना स्पेस सूट पहनेंगे। यह विदेशों में बने स्पेस सूट के मुकाबले 20 प्रतिशत हल्का होगा। इसका निर्माण वडोदरा की 'स्योर सेफ्टी' कंपनी कर रही है। यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सूट बनाने वाली दुनिया की चौथी कंपनी है। इस सूट में टच स्क्रीन सेंसेटिव ग्लव्स, यूटिलिटी पॉकेट्स आदि होंगे। यह माइनस 40 डिग्री से लेकर 80 डिग्री सेल्सियस के तापमान में काम कर सकता है।
आगरा में बना होगा पैराशूट
आगरा स्थित एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डिवेलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ADRDE) के बने पैराशूट की मदद से गगनयान धरती पर उतरेगा। इसके लिए ADRDE ने 10 पैराशूट टेस्टिंग के लिए ISRO को दिए हैं। अंतरिक्ष यान के धरती पर लौटने के समय इन पैराशूट की मदद से उसकी स्पीड को कम किया जाएगा। ये पैराशूट यान की स्पीड को 240 मीटर प्रति सेकंड से कम कर 11 मीटर प्रति सेकंड कर देंगे। ISRO पहले भी ऐसे पैराशूट का इस्तेमाल कर चुका है।