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क्या है 'मिशन शक्ति' और 'लोअर अर्थ ऑरबिट', जिनका प्रधानमंत्री मोदी ने जिक्र किया

क्या है 'मिशन शक्ति' और 'लोअर अर्थ ऑरबिट', जिनका प्रधानमंत्री मोदी ने जिक्र किया

Mar 27, 2019
02:28 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज अंतरिक्ष के क्षेत्र में महाशक्ति बन गया है। उन्होंने कहा कि देश के वैज्ञानिकों ने मिशन शक्ति के तहत लोअर अर्थ ऑरबिट (LEO) में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया। वैज्ञानिकों ने इस मुश्किल मिशन को महज 3 मिनट में अंजाम दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है।

उपलब्धि

अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा देश

मिशन शक्ति को भारत ने एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (ASAT) के जरिए अंजाम दिया। अमेरिका और रूस ने 70 के दशक में ASAT पर काम करना शुरू किया था। वहीं चीन ने 2007 में इसे टेस्ट किया था। अमेरिका और रूस ने क्रमशः 2006 और 2015 में ASAT को टेस्ट किया था। इस मिसाइल की मदद से भारत ने अंतरिक्ष में मुकाबला करने की उपलब्धि हासिल कर ली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पूर्व निर्धारित लक्ष्य था, जिसे हासिल किया गया।

जानकारी

क्या होता है लोअर अर्थ ऑरबिट?

लोअर अर्थ ऑर्बिट (LEO) पृथ्वी की सबसे निचली कक्षा है। यह धरती की सतह से 160 किलोमीटर से लेकर 2,000 किलोमीटर तक की दूरी में स्थित है। इस हिसाब से यह धरती के सबसे पास वाली कक्षा है। इस वजह से इमसें काफी सैटेलाइट भेजे जाएंगे। इसके बाद मिडियन अर्थ ऑरबिट और हाई अर्थ ऑरबिट आते हैं। दूरी के लिहाज से बात करें तो हाई अर्थ ऑरबिट पृथ्वी की सतह से 35,786 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

गगनयान

LEO में रुकेंगे गगनयान के अंतरिक्ष यात्री

भारत ने 2022 तक अंतरिक्ष में मानव युक्त यान भेजने की तैयारी में है। इस मिशन पर जाने वाले गगनयान के अंतरिक्ष यात्री LEO में रहेंगे। ये यात्री 6-7 दिन तक लोअर अर्थ ऑरबिट में रहेंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने जानकारी देते हुए बताया था कि इन अंतरिक्ष यात्रियों को केवल 16 मिनट में श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष में पहुंचा दिया जाएगा। इस मिशन की शुरुआती तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।