#NewsBytesExplainer: विश्व की बड़ी अंतरिक्ष एजेंसियां और उनका इतिहास
कोई भी देश जब अंतरिक्ष से जुड़े अपने चांद या सौर मिशन लॉन्च करता तो उस समय मिशन के नाम के साथ ही उसे लॉन्च करने वाली अंतरिक्ष एजेंसी भी चर्चा में रहती है। दरअसल, चांद और सौर मिशनों की योजना बनाने से लेकर उसे लॉन्च करने और मिशन के जरिए भेजे जाने वाले डाटा को समझने और उसके विश्लेषण का काम अंतरिक्ष एजेंसियां ही करती हैं। सभी देशों की अपनी-अपनी अंतरिक्ष एजेंसियां हैं और उनके अलग-अलग नाम हैं।
इन देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां हैं महत्वपूर्ण
विश्व के सभी देश अंतरिक्ष अभियान नहीं चला रहे हैं, बल्कि कुछ ही देश अंतरिक्ष अभियानों को अंजाम दे रहे हैं। वर्तमान में दुनिया में लगभग 195 देश हैं और कुल 77 अंतरिक्ष एजेंसियां हैं, जिनमें से केवल 16 अंतरिक्ष एजेंसियों के पास लॉन्चिंग क्षमताएं हैं। इनमें रूस, अमेरिका, चीन, भारत, यूरोप, जापान और कनाडा की अंतरिक्ष एजेंसियां महत्वपूर्ण हैं, जो अंतरिक्ष से जुड़े खोज और अनुसंधान के साथ ही अंतरिक्ष कार्यक्रमों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं।
रूस की रोस्कोस्मोस एजेंसी
अंतरिक्ष युग की शुरुआत वर्ष 1957 में सोवियत संघ के सैटेलाइट स्पूतनिक की लॉन्चिंग के साथ हुई थी। अंतरिक्ष में पहला मानव भी सोवियत संघ ने भेजा था। सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस ने वर्ष 1992 में रोस्कोस्मोस नाम से अंतरिक्ष एजेंसी की स्थापना की। इसने रूस की मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान क्षमताओं को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एजेंसी ने रूस के सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम ग्लोनास के निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभाई है।
अमेरिकी की नासा एजेंसी
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी का नाम नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA-नासा) है। इसकी स्थापना 29 जुलाई, 1958 को हुई थी। नासा के लिए 18,000 से अधिक लोग काम करते हैं। अंतरिक्ष से जुड़ी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नासा सबसे बड़ी एजेंसी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 के लिए इसका वार्षिक बजट 18 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। नासा का जिम्मा नासा प्रशासक पर होता है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है।
1969 में नासा ने पहली बार चांद पर कराई थी इंसान की लैंडिंग
नासा का उद्देश्य अंतरिक्ष से जुड़ी खोजों और अनुसंधान में भविष्य का नेतृत्व करना है। इसके विशिष्ट उद्देश्यों में सौर मंडल और उससे आगे का पता लगाना, अपने ग्रह यानी पृथ्वी को समझना और इसे सुरक्षित रखना, नई टेक्नोलॉजी का विकास करना और खोजकर्ताओं की अगली पीढ़ी को प्रेरित करना है। नासा ने पहली बार वर्ष 1969 में चांद पर इंसान की लैंडिंग कराई थी। आर्टिमिस इसका अगला बड़ा मिशन है।
भारत की ISRO
भारत में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) से अंतरिक्ष खोज की शुरुआत हुई, जिसे 1962 में विक्रम साराभाई की कल्पना के आधार पर भारत सरकार ने स्थापित किया था। यही समिति 15 अगस्त, 1969 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में बदल गई। इसके साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस (DOS) की स्थापना की गई और 1972 में ISRO को DOS के अंतर्गत लाया गया।
इन सेवाओं के लिए ISRO ने स्थापित किए हैं अंतरिक्ष सिस्टम
ISRO का मुख्य उद्देश्य विभिन्न राष्ट्रीय आवश्यकताओं के लिए अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी का विकास और उनका अनुप्रयोग है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए ISRO ने संचार, टेलीविजन प्रसारण और मौसम संबंधी सेवाओं के लिए प्रमुख अंतरिक्ष सिस्टम स्थापित किए हैं। सैटेलाइट को ऑर्बिट में स्थापित करने के लिए ISRO ने सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल PSLV और GSLV विकसित किए हैं। ISRO का मुख्यालय बेंगलुरू में है और इसके अलावा विभिन्न केंद्र और यूनिट हैं।
चीन की CNSA एजेंसी
चीन की अंतरिक्ष एजेंसी को चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) कहते हैं। इसे वर्ष 1993 में स्थापित किया गया था। स्थापना के लगभग 10 साल बाद अक्टूबर, 2003 में इसने स्वयं के अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजा और ऐसा करने वाला तीसरा देश बन गया। इससे पहले रूस और अमेरिका मानव को अंतरिक्ष में भेज चुके थे। चीन ने कई सफल अंतरिक्ष यान लॉन्च किए, जिनमें चांग-ई मिशन और तियांगोंग अंतरिक्ष प्रयोगशाला शामिल हैं।
यूरोप की ESA
यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसी का नाम यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) है। यह एक बहुराष्ट्रीय अंतरिक्ष संगठन है। यह वर्तमान में 23 सदस्य देशों से बना है। इसका मुख्यालय पेरिस में है। इसने कई सफल अंतरिक्ष यान और सैटेलाइट विकसित किए हैं, जिनमें एरियन-5 अंतरिक्ष यान भी शामिल है, जो नासा के सहयोग से जेम्स वेब टेलीस्कोप लॉन्च करता है। यह एजेंसी एक्सोमार्स नाम के एक मार्स रोवर पर भी काम रहा है।
जापान की JAXA
जापान की अंतरिक्ष एजेंसी को जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) नाम से जाना जाता है। वर्ष 2003 में 3 जापानी संगठनों का विलय कर 1 अक्टूबर, 2003 को इसकी स्थापना की गई थी। यह बड़े आकार वाले लॉन्च व्हीकल्स के विकास, सैटेलाइट, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन, अंतरिक्ष और ग्रह से जुड़े रिसर्च के लिए प्रतिबद्ध है। JAXA की वेबसाइट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016 तक इसके पास 1,545 स्टाफ था। जापान XRISM और SLIM मिशन पर काम कर रहा है।
कनाडा की CSA
कनाडा की अंतरिक्ष एजेंसी को अंग्रेजी में कनाडा स्पेस एजेंसी (CSA) कहते हैं। इसका गठन 1989 में किया गया था। अंतरिक्ष खोज में अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ मिलकर काम करने का इसका लंबा इतिहास है। इसने कई सफल मिशनों में भाग लिया है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) और मंगल ग्रह का रोबोटिक एक्सप्लोरेशन शामिल है। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग और उससे जुड़ी खोजों को बढ़ावा देना है।