जापान 26 अगस्त को लॉन्च करेगा XRISM अंतरिक्ष यान और SLIM लैंडर, जानें क्या है मिशन
जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) 26 अगस्त को एक्स-रे इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन (XRISM) अंतरिक्ष यान और स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) को लॉन्च करने के लिए तैयार है। SLIM और XRISM अलग-अलग लक्ष्य और उद्देश्य वाले 2 अलग-अलग पेलोड हैं। इस मिशन को तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। दोनों पेलोड मित्सुबिशी H-IIA लॉन्च वाहन से लॉन्च किए जाएंगे, जिसने 2005 से अब तक लगातार 30 से अधिक सफल मिशन पूरे किए हैं।
XRISM का उद्देश्य
XRISM अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और जापान की JAXA की एक संयुक्त पहल है। दोनों एजेंसियों का ये संयुक्त मिशन ब्रह्मांड के सबसे गर्म क्षेत्रों, सबसे बड़ी संरचनाओं और सबसे मजबूत गुरुत्वाकर्षण वाली वस्तुओं का अध्यन करेगा। JAXA का अंतरिक्ष यान XRISM आकाशगंगा समूहों से निकलने वाली गैस से एक्स-रे प्रकाश का पता लगाने में सक्षम होगा और यह खगोलविदों को इन सिस्टम का कुल द्रव्यमान को मापने में मदद करेगा।
ब्रह्मांड के निर्माण और विकास की जानकारी में मिलेगी मदद
XRISM द्वारा आकाशगंगा समूहों के अवलोकन से यह भी जानकारी मिलेगी कि ब्रह्मांड द्वारा रासायनिक तत्वों का उत्पादन कैसे किया गया था। अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, इससे ब्रह्मांड के निर्माण और विकास के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। वर्ष 2018 में शुरू किया गया XRISM प्रोजेक्ट JAXA का सातवां एक्स-रे एस्ट्रॉनॉमी सैटेलाइट प्रोग्राम है। XRISM की डेवलपमेंट टीम में यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) भी सहयोग कर रही है।
SLIM के जरिए सटीक लैंडिंक क्षमता का प्रदर्शन करेगा जापान
जापान SLIM की सफल लैंडिंग के साथ चांद पर अपनी बेहद सटीक लैंडिंग की क्षमता का प्रदर्शन करना चाहता है। यह एक हल्के वजन वाला रोबोटिक लैंडर है। इसे पहले से निर्धारित स्थान पर ही उतारा जाएगा। इसकी लैंडिंग की लोकेशन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसके जरिए जापान यह साबित करना चाहता है कि जहां वह चाहे वहीं लैंडिंग हो। अभी सुरक्षित लोकेशन के आधार पर लैंडिंग होती है
मिशन की सफलता से आसान होगी लैंडिंग
लैंडर की मुख्य परीक्षा यह होगी कि वह चुनी हुई जगह पर लैंड करने में कितना सटीक है। जापान के इस मिशन को अगर सफलता मिलती है तो भविष्य में अन्य ग्रहों पर तय जगहों पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए सटीक जगह खोजना और लैंड करना आसान हो जाएगा। जापान के अलावा अमेरिका, इजराइल सहित कुछ अन्य देश भी चांद मिशन भेजने वाले हैं। भारत का चांद मिशन चंद्रयान-3 भी कल लैंडिंग का प्रयास करेगा।