NASA लॉन्च करेगी दो हेलीकॉप्टर, मंगल ग्रह से लेकर आएंगे चट्टानों और मिट्टी के नमूने
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA दो मिनी हेलिकॉप्टर्स मंगल ग्रह के लिए लॉन्च कर सकती है, जिनसे वहां से चट्टानें और मिट्टी के नमूने पृथ्वी पर वापस लाए जाएंगे। गुरुवार को NASA ने इस योजना की जानकारी दी और बताया कि प्रिजर्वेंस रोवर डबल-ड्यूटी करते हुए नमूनों को उस रॉकेट में भेजेगा, जिसे लाल ग्रह से करीब एक दशक बाद पृथ्वी पर भेजा जाएगा। प्रिजर्वेंस रोवर ने अब तक 11 नमूने इकट्ठा कर लिए हैं और आगे भी ड्रिलिंग करता रहेगा।
वैज्ञानिक ने दी अभियान से जुड़ी जानकारी
नमूने वापस लाने से जुड़े अभियान की चीफ एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी की मीनाक्षी वाधवा ने बताया कि हाल ही में मिले सेडिमेंटरी रॉक के नमूने से मंगल ग्रह पर जीवन के संकेत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, "हमारे नमूनों में पहले ही विविधता है, जिसके चलते हम इन्हें पृथ्वी पर लाने की संभावनाओं और क्षमता को लेकर बेहद उत्साहित हैं।" अगर प्रिजर्वेंस रोवर खराब हो जाता है तो नमूने लाने के लिए रॉकेट के बजाय दो हेलिकॉप्टर भेजे जाएंगे।
तैयार किए जाएंगे इनजेन्युइटी जैसे हेलिकॉप्टर
सामने आया है कि NASA इन हेलिकॉप्टर्स का मॉडल इनजेन्युइटी (Ingenuity) हेलिकॉप्टर की तरह डिजाइन करेगी, जो प्रिजर्वेंस के साथ मंगल ग्रह पर अब तक 29 सफल उड़ानें पूरी कर चुका है। इस हेलिकॉप्टर का वजन करीब चार पाउंड (1.8 किलोग्राम) है और इसके नए वर्जन्स में पहिए और ग्रैपलिंग आर्म्स भी दी जाएंगी। इससे पहले तक NASA की योजना एक और रोवर लॉन्च करने की थी, लेकिन अब उसकी जरूरत नहीं है।
NASA ने अपनी योजना में किए बदलाव
प्रिजर्वेंस रोवर की मंगल ग्रह पर शानदार परफॉर्मेंस के चलते NASA ने एक और रोवर भेजने की योजना रद्द कर दी है। NASA में मार्स सैंपल रिटर्न प्रोग्राम के डायरेक्टर जेफ ग्रैमलिंग ने कहा है कि मौजूदा रास्ता आसान और सीधा है। हर हेलिकॉप्टर को एक वक्त पर एक सैंपल-ट्यूब उठाने के लिए डिजाइन किया जाएगा, जिससे वे कई चक्कर लगा सकेंगे। उन्होंने कहा, "हमें प्रिजर्वेंस पर सैंपल भेजने को लेकर भरोसा है और हेलिकॉप्टर्स केवल बैकअप की तरह हैं।"
यूरोपियन स्पेस एजेंसी के साथ कोलेबरेशन
मंगल ग्रह से नमूने धरती तक लाने वाले अंतरिक्ष अभियान के लिए NASA यूरोपियन स्पेस एजेंसी के साथ कोलैबरेशन कर रही है। अगर सब सही रहा तो साल 2031 में 30 नमूने मंगल ग्रह से भेजे जाएंगे, जो साल 2033 में पृथ्वी पर पहुंचेंगे। इसके बाद होने वाले लैब एनालिसिस से पता चलेगा कि अरबों साल पहले जब मंगल ग्रह पर पानी था, तब वहां सूक्ष्य जीवों की उपस्थिति थी या नहीं।
काम नहीं आएगा एक्सोमार्स रोवर
ESA में ह्यूमन एंड रोबोटिक्स एक्लप्लोरेशन डायरेक्टर डेविड पार्कर ने कहा कि एक्सोमार्स (ExoMars) रोवर का इस्तेमाल नमूने वापस लाने में नहीं किया जा सकता। इस रोवर को यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद स्टोरेज में वापस भेज दिया गया है, क्योंकि रूस और यूरोप दोनों ने इस अभियान से कदम पीछे खींच लिए हैं। उन्होंने कहा, "इस दशक के आखिर तक एक्सोमार्स रोवर भेजा जाएगा या नहीं, इसपर फैसला साल की आखिरी तिमाही से पहले नहीं आएगा।"
न्यूजबाइट्स प्लस
NASA मंगल ग्रह पर कई रोवर भेज चुकी है और अब भेजा गया पर्सिवियरेंस एक एस्ट्रोबायोलॉजी मिशन से जुड़ा है। इसका मकसद मंगल ग्रह पर मौजूद तत्वों के बारे में पता लगाना है। इनजेन्युइटी हेलीकॉप्टर को इसी रोवर का हिस्सा बनाकर भेजा गया है।