अंतरिक्ष यात्रियों पर पड़ता है सफर का बुरा असर, कमजोर हो जाती हैं हड्डियां- स्टडी
क्या है खबर?
अंतरिक्ष के सफर पर जाना किसी को भी रोमांचित करने के लिए काफी है और अंतरिक्ष यात्री खुद को इसके लिए कई साल तक तैयार करते हैं।
नई स्टडी में सामने आया है कि अंतरिक्ष यात्रा का इंसानी शरीर पर बुरा असर होता है और खासकर हड्डियों को इस लंबे सफर का खामियाजा भुगतना पड़ता है।
17 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ की गई स्टडी में पता चला है कि किस तरह उनकी हड्डियां सफर के चलते कमजोर हो जाती हैं।
रिसर्च
माइक्रोग्रेविटी के चलते हड्डियों को नुकसान
रिसर्च में अंतरिक्ष यात्रियों की हड्डियों को शून्य-गुरुत्वाकर्षण या माइक्रोग्रेविटी के चलते होने वाले नुकसान से जुड़ा डाटा जुटाया गया है और पता लगाने की कोशिश की गई है कि पृथ्वी पर लौटने के बाद हड्डियां कैसे रिकवर होती हैं।
इस रिसर्च में 14 पुरुष और तीन महिला अंतरिक्ष यात्रियों को शामिल किया गया, जिनकी औसत उम्र 47 साल थी।
इन यात्रियों ने अंतरिक्ष में चार से सात महीने तक का वक्त बिताया था और इसका औसत 5.5 महीने रहा।
डाटा
हड्डियों को पहुंचा कितना नुकसान?
स्टडी में सामने आया है कि पृथ्वी पर वापस लौटने के एक साल बाद अंतरिक्ष यात्रियों के पैर में मौजूद टिबिया हड्डी में बोन मिनरल डेंसिटी औसत 2.1 प्रतिशत तक घट गई।
इसी तरह हड्डियों की मजबूती में भी 1.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
अंतरिक्ष अभियान के बाद 17 में से नौ अंतरिक्ष यात्रियों की बोन मिनरल डेंसिटी बेहतर नहीं हुई और उन्हें परमानेंट लॉस का सामना करना पड़ा।
रिपोर्ट
पिछले सप्ताह पब्लिश हुई रिसर्च रिपोर्ट
पिछले सप्ताह साइंटिफिक रिपोर्ट्स जनरल में पब्लिश हुई रिसर्च रिपोर्ट के लीड ऑथर और यूनिवर्सिटी ऑफ कल्गैरी में प्रोफेसर लीग गैबेल ने स्टडी से जुड़ी जानकारी दी।
उन्होंने कहा, "हमें पता है कि लंबे अंतरिक्ष अभियानों के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की हड्डियों को नुकसान होता है। यह स्टडी इस मायने में अलग है कि हमने एक साल तक अंतरिक्ष यात्रियों को फॉलो करते हुए समझा कि उनकी हड्डियां रिकवर कैसे होती हैं और होती हैं या नहीं।"
नुकसान
अंतरिक्ष के छह महीनों में धरती के दो दशक जितना नुकसान
गैबेल ने बताया है कि अंतरिक्ष यात्रियों की हड्डियों को अंतरिक्ष में छह महीने का वक्त बिताने पर जितना नुकसान होता है, उतना नुकसान धरती पर दो दशक में होता है।
उन्होंने कहा, "अंतरिक्ष यात्रियों को छह महीने अंतरिक्ष में रहने पर जो बोन लॉस होता है, उतना नुकसान पृथ्वी पर बुजुर्गों को करीब 20 साल में होता है। अंतरिक्ष यात्रियों के वापस आने पर केवल आधे नुकसान से रिकवरी हो पाती है।"
वजह
इसलिए कमजोर हो जाती हैं हड्डियां
अंतरिक्ष यात्रा के दौरान हड्डियां कमजोर होने की वजह गुरुत्वाकर्षण से जुड़ी है।
स्टडी में बताया गया है कि धरती पर भारी वजह उठाने के चलते जो हड्डियां सक्रिय रहती हैं, अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण ना होने के चलते उन्हें वजन नहीं उठाना पड़ता।
गैबेल ने बताया कि लंबे वक्त तक ऐसी स्थिति के चलते कई बोन रॉड्स एकदूसरे से अलग हो जाते हैं, जो धरती पर वापस लौटने के बाद एकदूसरे से नहीं जुड़ पाते।
जानकारी
क्या है बचाव का तरीका?
स्टडी में बताया गया है कि अंतरिक्ष यात्रियों की हड्डियों को कम नुकसान पहुंचे, इसके लिए अंतरिक्ष एजेंसियां अपने एक्सरसाइज शेड्यूल में बदलाव कर सकती हैं और बेहतर न्यूट्रीशियन के साथ इसमें कुछ सुधार जरूर किया जा सकता है।